Saturday, 24 December 2016

❤ गलतियों की पाठशाला ❤

   मन द्वारा संकल्प 

आज से हम अपने से हुई गलती को स्वीकार कर गलती से सीखेंगें व प्रभावित हुए व्यक्ति से हमें क्षमा करने के लिए कह आत्म विश्वास बढ़ाएंगें।

 बुद्धि द्वारा पुरुषार्थ 

हम अपनी गलतियों के कारण ही कठिनाई में पड़ते हैं। गलती यदि बड़ी हो तो यह जीवन में बुरे दौर व नुकसान का कारण भी बन सकती है। एकाग्रता हमें हर तरह की गलती से बचाती है।

दूसरों की गलतियों की ओर देखने से पहले हमें अपने से हुई गलतियों पर नजर डालनी चाहिए व सुधार करना चाहिए। हम यह स्वीकार करें कि कोई भी व्यक्ति सदैव सही नही हो सकता।

जो दूसरों की गलती व अनुभव से सीखता है वह बुद्धिमान है, बजाए इसके कि हम गलती करके सीखें। वैसे गलती करके सीखना भी बुरा नही, परन्तु ध्यान रखे कि वही गलती बार बार न हो।

कोई गलती हो जाए तो हमें तीन बातें जरूर करनी चाहिए। पहला - गलती को स्वीकारना, दूसरा - गलती से सीखना व तीसरा - उसे फिर से न करना। गलतियों को स्वीकार करना ही हमारी सुधार करने की इच्छा को दिखाता है।

 संस्कारों में धारणा 

गलतियां एक लगातार चलने वाली पाठशाला है जिनसे हम सीखते रहेंगें। गलतियों से सीख कर पहले हो चुकी गलतियों को दुबारा नही होने देंगें

माफ़ी मांगने व माफ़ करने में संकोच नही करेगें। हमारी गलतियां उजागर करने वाले को अपना सच्चा मित्र मान सम्बन्ध बनाए रखने का प्रयत्न करेंगें।

गलत होने पर हम स्वयं को सही सिद्ध करने का प्रयास नही करेंगें, गलती किसी से भी हो सकती है, गलतियों को मन में घर नही बनाने देंगें।❤❤