Health Tips


अच्छे स्वास्थ्य हेतु कुछ सरल उपाय ! { Some simple tips for good health ========================================================
स्वस्थ रहने हेतु व अच्छे स्वास्थ्य हेतु , आजकल लोग तमाम उपाय करते हैं , अच्छी सोच व अटूट संकल्प द्वारा इसमें सफलता भी पायी जा सकती है , लेकिन इसमें प्रमुख है नियम व द्रढ़ संकल्प , जिनका नियम से पालन करने से ही स्वस्थ व निरोग रहा जा सकता है , तो आइये इनमें से कुछ महत्वपूर्ण उपायों पर नज़र हम डालते हैं , शायद कुछ काम के निकल आयें ======================
1. सुबह जल्दी उठो और ३ - ४ मील ( ४-६ किलोमीटर ) रोज टहलो। अगर संभव हो सके तो शाम को भी थोडा। ------------------------------------------------------------------------------
2 . टहलते समय नाक से लम्बी-लम्बी सांसे लो तथा यह भावना करो कि टहलने से आप अपने स्वास्थ्य को संवार रहे हैं।------------------------------------------------------------------------------
3 . टहलने के अलावा , दौड़ना , साइकिल चलाना , घुड़सवारी , तैरना या कोई भी खेलकूद , व्यायाम के अच्छे उपाय हैं। स्त्रियों का चक्की पीसना , बिलौना बिलोना , रस्सीकूदना , पानी भरना , झाडू-पौंछा लगाना आदि घर के कामों में भी अच्छा व्यायाम कर सकती हैं। रोज थोड़े समय छोटे बच्चों के साथ खेलना , १०-१५ मिनट खुलकर हँसना भी अच्छे व्यायाम के अंग हैं।------------------------------------------------------------------------------
4 . प्रातः टहलने के बाद भूख अच्छी लगती है। इस समय पौष्टिक पदार्थों का सेवन करें। अंकुरित अन्न , भीगी मूंगफली , आंवला या इससे बना कोई पदार्थ , संतरा या मौसम्मी का रस अच्छे नाश्ता का अंग होते हैं।------------------------------------------------------------------------------
5 . भोजन सादा करो एवम् उसे प्रसाद रूप में ग्रहण करो , शांत , प्रसन्न और निश्चिन्तता पूर्वक करो और उसे अच्छी तरह चबाचबा कर खाओ। खाते समय न बात करो न हंसो।------------------------------------------------------------------------------
6 . भूख से कम खाओ अथवा आधा पेट खाओ , चौथाई पानी के लिए एवम् चौथाई पेट हवा के लिए खाली छोड़ दे।------------------------------------------------------------------------------
7 . भोजन में रोज़ अंकुरित अन्न अवश्य शामिल करो। अंकुरित अन्न में पौष्टिकता एवम् खनिज लवण गुणात्मक मात्रा में बढ़ जाते हैं। इनमें मूंग सर्वोत्तम है। चना , अंकुरित या भीगी मूंगफली इसमें थोड़ी मेथी दाना एवम् चुटकी भर-अजवायन मिला लें तो यह कई रोगों का प्रतिरोधक एवम् प्रभावी इलाज है।------------------------------------------------------------------------------
8 . मौसम की ताज़ा हरी सब्जी और ताज़े फल खूब खाओ। जितना हो सके कच्चे खाओ अन्यथा आधी उबली तथा कम मिर्च-मसाले , खटाई की सब्जियां खाओ। अक ग्रास रोटी के साथ चार ग्रास सब्जी के अनुपात का प्रयास रखो।------------------------------------------------------------------------------
9 . भोजन के साथ पानी कम से कम पियो। दोपहर के भोजन के घंटे भर बाद पानी पियें। भोजन यदि कड़ा और रूखा हो तो २-४ घूंट पानी अवश्य पियें।----------------------------------------------------------------------------
10 . प्रातः उठते ही खूब पानी पीओ। दोपहर भोजन के थोड़ी देर बाद छाछ और रात को सोने के पहले उष्ण दूध अमृत सामान हैसकारात्मक विचारों के मोतीहंस की तरह हमें भी अपने जीवन के लिए सकारात्मक विचारों के मोती ही चुनने चाहिए। सकारात्मक विचार और दृढ़ इच्छाशक्ति से हम हर तरह की बीमारी पर विजय पा सकते हैं।बिट्रेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल इतिहासकार, साहित्यकार और कलाकार भी थे। वे एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिन्हें साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था। एक बार उन्हें हाथ में लकवा मार गया। शुरुआत में उन्हें थोड़ी-बहुत चिंता हुई, लेकिन बाद में उन्होंने अपने मन में असीम उत्साह का संचार करते हुए इसे ठीक करने का एक उपाय निकाल लिया। उपचार के साथ-साथ वे प्रतिदिन अपने हाथ को बार-बार आदेश देते हुए कहते - 'तुम्हें ठीक होना है। इस बात का उनके हाथ पर जबर्दस्त असर हुआ और वह ठीक हो गया।दरअसल, हमारे मन पर विचारों का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। आप जैसी सोच रखते हैं, उसी के अनुरूप आपका शरीर और हावभाव भी काम करते हैं। यदि आप खुद को हमेशा बीमार घोषित करते रहते हैं या घर-ऑफिस में हमेशा बुझे-बुझे से रहते हैं, तो ऐसे भाव न सिर्फ आपकी कार्यक्षमता को प्रभावित करते हंै, बल्कि जाने-अनजाने अपने इर्द-गिर्द नकारात्मक भाव का संचार भी करते रहते हैं। इससे दूसरे लोग भी प्रभावित होते हैं। वहीं अगर आप सुबह की शुरुआत मन में सकारात्मक भावों के साथ करते हैं, तो कोई भी बीमारी या नकारात्मक भाव आपके पास नहीं फटकता। आप यदि बीमारी की चपेट में आते भी हैं, तो आपकी दृढ़ इच्छाशक्ति उसे जल्द ठीक कर देती है।कुछ लोग  हमेशा बिस्तर पर पड़े रहते हैं। जब भी कोई उनसे कुशल-क्षेम पूछता है, तो उनका सिर्फ एक ही जवाब होता है, 'मैं तो बीमार हूं। थोड़ी-बहुत तकलीफ होने पर वह न सिर्फ खुद बेचैन हो जाते हैं, बल्कि घर के प्रत्येक सदस्य को भी परेशान कर देते हैं। चिकित्सक जब उनकी जांच करते हैं, तो उन्हें शारीरिक रूप से स्वस्थ पाते हैं।ओशो कहते हैं, 'हम बीमार नहीं होते, बल्कि हमारा मन बीमार होता है। भाव बीमार होता है। अगर कोई व्यक्ति पेट दर्द की शिकायत कर रहा है और बिस्तर पर पड़ा है, तभी दूसरा व्यक्ति यदि उसके बिस्तर पर सांप होने का शोर मचाए, तो लेटा हुआ व्यक्ति तुरंत उठकर भाग जाएगा। पेट दर्द की बात वह उस क्षण बिल्कुल भूल जाएगा। अगर हम हमेशा खुश रहने की कोशिश करें और नकारात्मक भावों को मन में न बैठने दें, तो हम जल्दी बीमार पड़ ही नहीं सकते। स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि बीमारी के बहाने बिस्तर पर पड़े रहने की बजाय हमें अपने मस्तिष्क को अच्छे विचारों से भरना चाहिए, क्योंकि हम जैसा सोचते हैं, वैसा ही बनते चले जाते हैं।'दरअसल, नकारात्मक विचार प्रकट करना भी एक तरह की मानसिक बीमारी है। मन में जैसे विचार आते हैं, हम उन्हें ही प्रकट करते हैं। जो लोग हमेशा अपने बीमार होने की बात कहते हैं, दरअसल उनके अवचेतन मन में भी 'मैं बीमार हूं चलता रहता है। वे हमेशा नकारात्मक बातें सोचते रहते हैं। अपनी सोच के अनुसार वे खुद को वैसा ही ढाल लेते हैं। परिस्थितियां कैसी भी हों, हम रचनात्मकता के सहारे उनका हर हाल में मुकाबला कर सकते हैं।एक बच्चे की एक आंख खराब थी। उसे पढ़ने में रुचि थी, इसलिए वह एक आंख से ही पुस्तकें पढ़ा करता था। डॉक्टर ने इससे दूसरी आंख के भी खराब होने की आशंका जताई। परिवारवालों ने जब पढ़ाई करने से रोका, तो उसने दृढ़ होकर जवाब दिया, मैं पढ़ना-लिखना तब छोड़ूंगा, जब मुझे कोई न कोई प्रतिदिन पुस्तक पढ़कर सुनाता रहेगा और मुझे बीमार नहीं समझेगा। परिवार वाले बच्चे की इस बात पर सहमत हो गए। उसने सिर्फ अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से न सिर्फ अपनी पढ़ाई पूरी की, बल्कि अनेक पुस्तकें भी लिखीं। वह अपने विचार दूसरों से लिखवाता था। उसकी पुस्तकों में जीवन को हर हाल में सकारात्मक नजरिये व आनंदमय तरीके से जीने के तरीके सहज रूप में बताए गए हैं। वह बच्चा कोई और नहीं, बल्कि फ्रांस के प्रसिद्ध दार्शनिक ज्यांपाल सात्र्र थे। महान दार्शनिक अरविंदो कहते हैं, यदि मन को सकारात्मक रखा जाए तो किसी भी बीमारी को न सिर्फ नियंत्रित किया जा सकता है, बल्कि उसे पराजित भी किया जा सकता है।अगर हम नकारात्मक विचारों से अपने मन को भरते रहेंगे, तो हमेशा बीमारी और बहानेबाजी की बातें ही सोचते रहेंगे। हमें अपने मन को हंस की तरह कर लेना चाहिए, जो सिर्फ बढि़या और सकारात्मक विचारों के मोती ही चुनता है।मनोवैज्ञानिक आरती आनंद कहती हैं कि यदि प्रत्येक व्यक्ति अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से बीमारी को दूर भगाने की सोच ले, तो वह छोटी-मोटी बीमारी क्या, कभी जानलेवा बीमारियों की चपेट में भी नहीं आएगा। अगर आप किसी कारणवश बीमार पड़ते हैं, तो दवा के साथ-साथ संतुलित खान-पान, सकारात्मक विचार, मुस्कुराहट और परिवार का सहयोग लेकर और देकर अपने जीवन को स्वस्थ और सुंदर बना सकते हैं।
हम सभी लोग चाहते हैं कि हमारे बाल हमेशा काले तथा लंबे लहराते रहे। बहुत लोगों के बाल बहुत जल्दी झड़ जाते हैं बहुत लोगों के बाल सफेद हो जाते हैं लेकिन इस कार्य को करने से आपके बाल न सफेद होंगे और ना झड़ेंगे तथा हमेशा ही काले और चमकदार बने रहेंगे।
सबसे पहले आप थोड़ा सा आंवला, रीठा, शिकाकाई,भृंगराज तथा मेथीदाना ले लें 50 50 ग्राम और 25 ग्राम ले लें इन सब को एक साथ मिक्स कर लें तथा तीन चार बार ही किसी कपड़े या छलनी से छान लें और इसे लोहे की कड़ाही में रखकर सौ ग्राम इसके अंदर तिल का तेल डाल दें और 1 लीटर पानी डाल दें फिर इसे उबालने दीजिये।
जब पानी आधा रह जाए तो इसे उतार लें ठंडा हो जाने के बाद इसको आप किसी एक बोतल में भरकर रख ले।
हमेशा ही नहाने के बाद इस मिश्रण को अपने बालों में अच्छी तरह पोछ कर सुखा कर लगा ले तथा 1 हफ्ते तक आप ऐसे ही रोजाना करें आप देखेंगे कि आपके सारे बाल बहुत जल्द ही काले हो गए हैं।तथा मजबूत भी हो गए हैं। क्योंकि यह सब तत्व हमारे बालों को पूरी तरह पोषण देते हैं इसी पोषण के कारण हमारे बाल बहुत अच्छे दिखने लग जाते हैं और चमकदार हो जाते हैं।



सुबह जल्दी उठने में परेशानी है? ये रहे टिप्स,

 जल्दी उठने के हैं तमाम फायदे

हम सभी जानते हैं कि सुबह जल्दी उठने के तमाम फायदे हैं जल्दी उठने से आदमी, स्वस्थ धनी, और बुद्धिमान होता है। लेकिन क्या ऐसा हो पाता है जी हां सुबह जल्दी उठना अपने आप में एक भारी काम लगता है।

शेड्यूल के हिसाब से अपने को ढ़ालते हुए अपने रोजाना उठने के समय से एक या दो घंटे पहले उठना आसानी से नहीं हो पाता है और इसमें दिक्कतें पेश आती हैं। लेकिन सच्चाई ये है कि सुबह जल्दी उठने से के कई फायदे हैं ये आपकी शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी अच्छा रखता है और आपको जीवन में अधित उत्पादक और सफल बनाता है।

यहाँ सुबह जल्दी उठने के कुछ उपयोगी टिप्स और सुझाव बता रहे हैं:-
# सुबह जल्दी उठने के लिए अलार्म सेट करें ये आपकी सहायता करेगा।
 # आगे की योजना बनायें और सुबह जल्दी उठने की योजना वास्तविक दिन से करीब एक सप्ताह पहले बनाएं। यह खासतौर पर बच्चों को स्कूल टाइम से भेजने में सहायक हो सकता है।
# दिन ब दिन रोजाना उठने के समय से 10-15 मिनट पहले जागने की कोशिश करें यह प्रैक्टिस आपको आसानी से नए समय के साथ समायोजित करने में सहायक होगी।
# अगर अलार्म क्लॉक से भी आपको जल्दी उठने में दिक्कत पेश आ रही है तो कोशिश करें जो सदस्य सुबह जल्दी उठते हैं उनसे उठाने के लिए बोल सकते हैं।
# नियमित रूप से सोने के लिए एक रेगुलर समय सेट करें यहां तक ​​कि सप्ताहांत या छुट्टी के दिन भी ये आदत आपको सुबह जल्दी उठने में खासी मदद करेगी।
# आप पर्याप्त नींद लें ताकि आप रिफ्रेश महसूस कर सकें, रोज करीब 7-8 घंटे की नींद लेना ठीक माना जाता है ऐसा करके आपको सुबह जल्दी उठने में अलकस नहीं लगेगा। 
# सुबह जल्दी उठना आपकी सेहत के लिए बहुत फायदे मंद है शोध से पता चलता है कि सुबह जल्दी उठने वाले आम तौर पर अधिक सक्रिय और अधिक उत्पादक होते हैं।
# अध्ययनों से यह भी पता लगा है कि सुबह जल्दी उठने वाले लोग वास्तव में रात में जागने वालों की तुलना में जीवन में ज्यादा खुश रहते हैं।


बड़ा गुणकारी है तिल का तेल, जानिए उसके बेहतरीन फायदे
तिल का तेल पूरी दुनिया में प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाता है। इसमें न केवल त्वचा और बालों को पोषित करने की खूबी होती है बल्क‍ि हीलिंग क्वालिटी भी होती है। यह बात वैज्ञानिक तौर पर साबित हो चुकी है कि तिल के तेल से बालों को संपूर्ण पोषण मिलता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन ई, बी कॉम्प्लेक्स, कैल्शि‍यम, मैग्नीशि‍यम, फॉस्फोरस और प्रोटीन पाया जाता है।
तिलों का सेवन सेहत और सौंदर्य के लिए फायदेमंद होता है। सर्दियों में तिलों का सेवन अवश्य करना चाहिए। यह शरीर में बल को बढ़ाता है। आयुर्वेद के अनुसार तिलों का सेवन करना शक्तिवर्धक और असरकारी है। तिल दो प्रकार के होते हैं। सफेद तिल और काले तिल। तिल का तेल बालों को भीतर से पोषण देने का काम करता है। अगर आपके बाल बेजान और रूखे हो चुके हैं तो भी तिल के तेल का इस्तेमाल करना फायदेमंद रहेगा। ये स्कैल्प से लेकर बालों के अंतिम छोर तक उन्हें पोषित करता है। तिल के तेल के इस्तेमाल से बालों का रुखापन दूर हो जाता है और उनकी खोई हुई चमक वापस आ जाती है।
जानिए तिल के तेल के कुछ प्रमुख लाभ-
इसके सेवन से भूख बढ़ती है। और यह आपके नर्वस सिस्टम को बल देता है। यह वात, पित्त और कफ को नष्ट करता है।
-तिल का तेल शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है। तिल के तेल से शरीर में मालिश करने से शरीर में बुढ़ापा जल्दी नहीं आता।
-इसकी मालिश करने से थकावट भी दूर होती है।
-तिल का तेल बालों को काला, घना और मजबूत बनाता है।
-तिल का तेल त्वचा को सनबर्न से मुक्ति दिलाता है।
-सर्दियों में तिल के तेल को त्वचा पर लगाने से त्वचा का रूखापन दूर होता है। और चेहरे में कांती आती है।
-यदि पेट में दर्द हो रहा हो तो थोड़े से काले तिलों को गुनगुने पानी के साथ सेवन करें।
                        

     इस तरह से पाएं कैंसर पर काबू!

 कैंसर के बढ़ते मामलों पर काबू पाने के लिए विशेषज्ञों की ओर से दिए गए सुझावों में इस बीमारी से निपटने के प्रति आक्रामक रवैया अपनाना, विभिन्न शहरों में किफायती उपचार उपलब्ध करवाना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना शामिल है
भारत और विदेश के कई विशेषज्ञों ने रविवार को गोवा में डिफिकल्ट डायलॉग समिट द्वारा आयोजित चर्चा ‘व्हाट वी आर डुइंग अबाउट कैंसर?’ में कैंसर से निपटने के तरीकों पर अपने विचार रखे।
एक प्रमुख रेडियोलॉजिस्ट स्नेह भार्गव ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 में कैंसर के मामलों में 15 प्रतिशत की कटौती और वर्ष 2030 तक 30 प्रतिशत की कटौती करने का लक्ष्य रखा है। ये दोनों ही लक्ष्य बहुत छोटे हैं और इनमें बहुत देरी है। इस बीमारी को नियंत्रित करने की दिशा में अधिक आक्रामक रुख अपनाया जाना चाहिए।’ 
उन्होंने कहा, ‘देश में राष्ट्रीय स्तर पर मरीजों और सरकारों की ओर से 1.4 लाख करोड़ रुपए कैंसर के इलाज में जा रहे हैं।’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव रहे अंशु प्रकाश ने कहा कि देश में हर समय कैंसर रोगियों के 40 लाख मामले हैं।
प्रकाश ने कहा, हर साल नए मामलों की संख्या में 15 लाख का इजाफा हो रहा है। हर साल कैंसर के कारण 6.5 लाख लोग मारे जाते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के पूर्व अधिकारी ने कहा, ‘नए मामलों में, एक तिहाई मामले ऐसे हैं, जिनसे बचा जा सकता है। अन्य एक तिहाई मामले उपचार योग्य हैं।’ प्रकाश ने कहा कि देश में कैंसर के जितने मामले सामने आते हैं, उनमें से 30 प्रतिशत का सीधा संबंध तंबाकू के इस्तेमाल से है।
पंजाब सरकार के प्रधान सचिव विनी महाजन ने कहा, ‘आज से लगभग सात-नौ साल पहले पंजाब कैंसर की राजधानी के रूप में कुख्यात था। इसे खेती के लिए कीटनाशियों के इस्तेमाल के लिए दोषी ठहराया जाता था। वास्तव में, कैंसर के मामले खान-पान की आदतों और तौर-तरीकों से जुड़े हैं। अब कैंसर का फैलाव नियंत्रण में है लेकिन बहुत कुछ किया जाना अब भी बाकी है।’
यहां हम कुछ सुपरफूड जो कि कैंसर पर अंकुश लगाने में मददगार हैं उनके बारे में जानना महत्वपूर्ण है-
ब्रोकोली
ब्रोकोली में एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर, फ्लावोनाइड्स आदि काफी मात्रा में हैं जो कि फ्री रेडिकल्स सेल्स से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करती हैं। इसमें जो एंटीऑक्सीडेंटमें है उससे कैंसर सेल्स का विकास घट जाता है।
अंगूर
अंगूर एंटीऑक्सीडेंट जिसे रेसवराट्रोल कहा जाता है का समृद्ध स्रोत होने के नाते, यह फल कैंसर रोग के लिए अच्छा है, क्योंकि यह इस बीमारी को शुरू करने या रोग फैलने से रोकने में सहायक है।
लहसुन
लहसुन नियमित रूप से खाना चाहिए क्योंकि यह इस रोग विकसित होने का चांस कम कर देता है।
हरी पत्ते वाली सब्जियां
हरी पत्ते वाली सब्जियों में जैसे सलाद और पालक को हर रोज भोजन में शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि वे एंटीऑक्सीडेंट बीटा कैरोटीन और ल्यूटेन जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को कम करने में मदद करता है का एक अच्छा स्रोत हैं।
बेरीज़
बेरीज़ का प्रयोग जैसे ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी और स्ट्रॉबेरी का प्रयोग शुरु कर दें क्योंकि वे एंटीऑक्सीडेंट जिसे pterostilbene कहा जाता है जो कैंसर से लड़ने के गुण से भरे हैं और इस बीमारी को दूर रखने में सहायता करता है।
कीवी
कीवी विटामिन सी से भरी है जो एक कैंसर से लड़ने में मददगार एंटीऑक्सीडेंट है और यह फ्री रेडिकल्स को संतुलित रखने में सहायता करता है। इस फल में फोलाटेस, कैरोटेनाइड्स, विटामिन ई है कि कैंसर के प्रभाव को कम करने में मदद करता है और इस रोग से शरीर की रक्षा करने में सहायक है।

  ग्रीन जूस से साफ होता है खून, चेहरे पर आती है चमक

बढ़ती उम्र में चेहरे पर झुर्रिया पड़ने लगती हैं, ऐसे में कई महिलाएं जवां दिखने की चाहत में कई मिथकों को मानने लगती हैं जैसे ग्रीन जूस से चेहरे पर चमक आती हैं और जवां लुक मिलता है। जवां दिखने के लिए सिर्फ ये उपाय ही काफी नहीं हैं। कुछ और भी ऐसी तरकीब है जिन्हें अपनाने की जरूरत है।
एंटी-एजिंग से जुड़ा एक मिथक यह है कि रोजाना ग्रीन जूस के सेवन से खून साफ होता है और चेहरे पर चमक आती है। यह बात सच है, लेकिन सिर्फ एक उपाय से आपके चेहरे पर चमक आ जाए और आप जवां दिखने लगे, ऐसा जरूरी नहीं। इसलिए अपनी दिनचर्या में क्लीजिंग, टोनिंग और मॉइश्चिराइजिंग को जरूर शामिल करें। व्यायाम और संतुलित आहार का सेवन करें। बढ़ती उम्र के असर को रोकने के लिए आपको अपनी जीवनशैली से जुड़ी हर पहलू पर ध्यान देना होगा।
जवां दिखने के लिए पानी खूब पीना चाहिए, क्योंकि इससे त्वचा में नमी बरकरार रहती है और शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थ भी निकल जाते हैं। यह मिथक भी खूब प्रचलित है कि मॉइश्चराइजर के इस्तेमाल से सारी झुर्रियां दूर हो जाती हैं। यह आपकी त्वचा को नमी प्रदान करता है और पोषित त्वचा लंबे अर्से तक जवां नजर आती है। 
त्वचा का रंग काला पड़ जाना और रूखापन आदि झुर्रियां पड़ने का पहला संकेत होते हैं। वैसे सामान्यतया 30 की उम्र के बाद ही झुर्रिया पड़ती हैं, लेकिन सही देखभाल और सही जीवनशैली का अभाव और तनावपूर्ण जीवन से यह कम उम्र में नजर आ सकती हैं, इसलिए स्वास्थ्य पर खास ध्यान दें।
कुछ लोग एंटी-एजिंग को जीन से जोड़ते हैं, लेकिन सच तो यह है कि अगर आपके दादा-दादी, माता-पिता स्वस्थ जीवनशैली को अपनाते हैं और आप नहीं अपनाते हैं तो आपका जवां लुक समय से पहले गायब हो सकता है। जलवायु, प्रदूषण, तनाव, त्वचा की देखभाल और जीवनशैली आदि आपकी त्वता पर असर डालती हैं।
मुस्कुराना या फ्राउनिंग (त्योरी चढ़ाना) चेहरे के लिए एक प्रकार का महज व्यायाम हो सकते हैं, इनसे झुर्रियां नहीं पड़तीं। धूम्रपान करने से, त्वचा में नमी की कमी, तनाव आदि कारणों से झुर्रियां पड़ती हैं। आपकी पूरी दिनचर्या, जीवनशैली का आपके शरीर और त्वचा पर काफी असर पड़ता है, इसलिए प्रसन्नचित रहें और संतुलित व स्वस्थ आहार ग्रहण करें।
  बिना दवा के ऐसे बढ़ाएं अपनी आंखों की रोशनी!
हमारी आंखें हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील अंग है। यह आकार में छोटी होने के बावजूद बहुत ही उपयोगी है क्योंकि इससे हम बेहतरीन दुनिया और अपने आस-पास के हर चीज को देखते हैं। आंखों के बिना हम अपनी लाइफ की कभी कल्पना नहीं कर सकते। वाकई यह हमारे का प्रकाश है! हालांकि हम अपनी आंखों का उतना ख्याल नहीं रखते हैं जितना शरीर के दूसरे अंगों का रखते हैं। हमें अपनी आंखों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। कई ऐसी चीजें हैं जिसके जरिये हम अपनी आंखों को हेल्दी बनाए रख सकते हैं।
नीचे कुछ टिप्स दिये गये हैं जिसके अपना कर आप अपनी आंखों को स्वस्थ्य रख सकते हैं-
फल और सब्जियां- ना सिर्फ गाजर बल्कि अपने पौष्टिक डाइट में फलों और सब्जियों की प्रचुर मात्रा लें। जैसे- गहरे हरे रंग का पत्तेदार साग, स्प्राउट्स, नट, संतरे और नींबू।
ओमेगा 3 फैटी एसिड- अपने भोजन में मछली को शामिल करें क्यों इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। मछलियों में प्रमुख है सल्मोन, ट्यूना, और हलिबट। अध्ययनों से पता चला है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड आंखों के लिए बहुत ही फायदेमंद है।
हेल्दी वेट- शारीरिक रूप से एक्टिव रहें अपने वजन को नियंत्रित रखें नहीं तो डायविटिज का खतरा बढ़ सकता है और अन्य सिस्टमेटिक कंडिशन बिगड़ सकता है। जिसका असर आपकी आंखों पर पड़ सकता है।
स्मोकिंग छोड़ें- स्मोकिंग सिर्फ आपके शरीर के लिए ही नुकसानदेह नहीं है बल्कि आपकी आंखों के लिए भी खतरनाक है। स्मोकिंग से बढ़ती उम्र से जुड़ी मैक्यूलर डिजेनरेशन, मोतियाबिंद, और ऑप्टिक तंत्रिका के नुकसान का खतरा बढ़ सकता है।
अल्ट्रावायलेट सूर्य की रोशनी से बचें- ध्यान दें, सूर्य को डायरेक्ट ना देखें क्योंकि सूर्य से आ रही अल्ट्रावायलेट किरणें आपकी आंखों के रेटिना को खराब कर सकता है और इससे ब्लाइंटनेस भी हो सकता है। हमेशा अल्ट्रावायलेट प्रोटेक्टिव सनग्लास पहनें।  
आंखों को धोएं- रोज सुबह-शाम अपनी आंखों को 10 से 15 बार छींटा मारकर पानी से धोएं। ऐसा करने से आपकी आंखें की थकावट दूर होगी और नमी और संचलन बढ़ेंगे। अपनी आंखों में बर्फ, ठंडा और गर्म पानी का इस्तेमाल न करें।
पर्याप्त नींद- रोज रात में पर्याप्त नींद में सोने से आपकी आंखें को आवश्यक पोषक तत्वों मिलेगा और उचित तरीके से काम भी करेगा। नींद की कमी से आंखों में थकान, खुजलाना और जलन होगी।
नियमित आंखों की जांच कराएं- अपने विजन को मजबूत बनाने के लिए नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं चाहे किसी भी उम्र के हों। इससे आंखों की समस्या की जानकारी मिलती रहेगी और आप आंखों के प्रति सतर्क रहेंगे।

बड़ा गुणकारी है दूध में मिलाकर हल्दी पीना, फायदों को जानकर आप पीने से खुद को रोक नहीं पाएंगे

आम तौर पर सर्दी होने या शा‍रीरिक पीड़ा होने पर घरेलू इलाज के रूप में हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि हल्दी वाले दूध के एक नहीं अनेक फायदे हैं? आयुर्वेद में हल्दी को सबसे बेहतरीन नेचुरल एंटीबायोटिक माना गया है। इसलिए यह स्किन, पेट और शरीर के कई रोगों में उपयोग की जाती है। हल्दी व दूध दोनों ही गुणकारी हैं, लेकिन अगर इन्हें एक साथ मिलाकर लिया जाए तो इनके फायदे दोगुना हो जाते हैं। इन्हें एक साथ पीने से यह कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं दूर होती हैं।
हडि्डयों को फायदा
रोजाना हल्दी वाला दूध लेने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिलता है। हड्डियां स्वस्थ और मजबूत होती है।
गठिया दूर करने में सहायक
हल्दी वाले दूध को गठिया के निदान और रियूमेटॉइड गठिया के कारण सूजन के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। यह जोड़ो और पेशियों को लचीला बनाकर दर्द को कम करने में भी सहायक होता है।
वजन कम करने में सहायक
वजन कम करना हल्दी वाले दूध से पोषण के फैट्स को नष्ट करने में सहायता मिलती है। यह वजन को कंट्रोल करने में सहायक होता है।
सांस संबंधी बीमारियां
सांस संबंधी बीमारियां हल्दी वाला दूध प्रतिजैविक होने के कारण जीवाणु और विषाणु के संक्रमण पर हमला करता है। इससे सांस सम्बन्धी बीमारियों के उपचार में लाभ मिलता है। यह मसाला आपके शरीर में गरमाहट लाता है और फेफड़े व साइनस में जकड़न से तुरंत राहत मिलती है।
कैंसर
कैंसर जलन और सूजन कम करने वाले गुणों के कारण यह स्तन, त्वचा, फेफड़े, प्रॉस्ट्रेट और बड़ी आंत के कैन्सर को रोकता है। यह कैंसर कोशिकाओं से डीएनए को होने वाले नुकसान को रोकता है और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करता है।
नींद न आना
हल्दी वाला गर्म दूध ट्रिप्टोफैन नामक अमीनोअम्ल बनाता है जो शान्तिपूर्वक और गहरी नींद में सहायक होता है।
सर्दी और खांसी
सर्दी और खांसी अपने प्रतिजीवाणु और प्रतिविषाणु गुणों के कारण हल्दी वाले दूध को सर्दी और खांसी का बेस्ट उपचार माना जाता है।

जाड़े के मौसम में बड़ा गुणकारी हैं खजूर, जानिए सेवन के पांच बड़े फायदे

जाड़े के मौसम में खजूर खाने के कई लाभ हैं। खजूर में पोषक तत्वों का भंडार होता है। खजूर में आयरन, मिनरल, कैल्शियम, अमीनो एसिड, फॉस्फोरस और विटामिन्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं। एक खजूर से 23 कैलोरी मिलती है। आईए खजूर खाने के इन पांच बड़े फायदों के बारे में जानते हैं।
हड्डियों की मजबूती में कारगर
खजूर में मौजूद साल्ट हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं। इसमें कैल्शयिम, सेलेनियम, मैगनीज और कॉपर की मात्रा होती है जिनसे हड्डियों को मजबूती मिलती है।
इम्यून पावर बढ़ाने में सहायक
खजूर का सेवन आपके इम्यून पावर को बढ़ाता है। इसमें ग्लूकोज और फ्रुक्टोज प्रचुर मात्रा में होता है लिहाजा आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।
त्वचा के लिए फायदेमंद
खजूर त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। खजूर खाने से चेहरा दमदमा उठता है और त्वचा पर निखार आता है।
वजन बढ़ाने में कारगर
अगर आपका वजन कम है तो खजूर का सेवन आपके लिए फायदेमंद है। इसमें शुगर, विटामिन और कई जरूरी प्रोटीन होते हैं जो वजन बढ़ाने का काम करते हैं। अगर आप बहुत दुबले-पतले हैं तो रोजाना चार से पांच खजूर खाना शुरू कर दीजिए। आपको कुछ वक्त बाद परिणाम दिखने लगेगा।
तुरंत ऊर्जा देनेवाला
खजूर में पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज, फ्रक्टोज और सुक्रोज पाया जाता है। इसलिए तुरंत ताकत के लिए इसका सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसके सेवन के बाद आपको तुरंत ही एनर्जी मिलती है।

  जानकारी : पैसा कभी भी खुशियों का आधार नहीं बन सकता

अब हम जिस खबर का विश्लेषण करेंगे वो एक प्यार भरी खबर है और सीधे सीधे आपकी खुशी से जुड़ी हुई है। आध्यात्मिक गुरु ओशो ने कहा था कि प्यार आत्मा का भोजन है। इससे आत्मा का पोषण होता है जिस तरह बिना हवा, पानी और भोजन के शरीर कमज़ोर हो जाता है उसी तरह बिना प्रेम के आत्मा भी कमज़ोर हो जाती है और सड़ने लगती है।
लेकिन आपने ध्यान दिया होगा कि आजकल पैसे को सभी तरह की खुशियों से जोड़कर देखा जाता है। जो लोग पैसे के पीछे भागते हैं वो तर्क देते हैं कि पैसे से दुनिया की हर खुशी खरीदी जा सकती है। ये बात ठीक है कि पैसा अच्छा जीवन जीने के लिए ज़रूरी है। लेकिन पैसा कभी भी खुशियों का आधार नहीं हो सकता। एक बहुत बड़े अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च में ये दावा किया गया है कि एक व्यक्ति की खुशी के लिए प्यार पैसे से ज्यादा महत्वपूर्ण है। 
लंडन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स द्वारा किए गये एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि प्यार औऱ मानसिक स्वास्थ्य किसी व्यक्ति के जीवन को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं। और ये प्रभाव पैसे के असर से भी ज्यादा होता है। इस स्टडी का आधार हैं पूरी दुनिया में किए गए अलग-अलग सर्वे। इन सर्वे में 2 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया।

-रिसर्च में खुशी के पैमाने को 0 से 10 के स्तर पर मापा गया है।

-रिसर्चस ने पता लगाया कि अगर किसी व्यक्ति की सैलरी या इनकम को दोगुना कर दिया जाए तो उसकी खुशी में सिर्फ 0.2 प्रतिशत का इज़ाफा होगा।

-इस रिसर्च के मुताबिक लोग अक्सर अपनी सैलरी की तुलना दूसरे लोगों की सैलरी से करते हैं।

-इसलिए अगर सभी की सैलरी एक औसत के आधार पर बढ़ा दी जाए तो इससे लोगों की खुशी में कोई खास फर्क नहीं पड़ता।
लेकिन इसी रिसर्च में ये भी पता लगा है कि अगर आप प्यार में होते हैं, यानी आपके साथ आपका पार्टनर है तो आपकी खुशी में 0.6 प्रतिशत का इज़ाफा हो जाता है। और अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है तो आपकी खुशी 0.7 प्रतिशत बढ़ जाएगी। इसी तरह प्यार को खोने पर खुशी में जो कमी आती है वो भी 0.6 प्रतिशत के बराबर ही है। 
लंडन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स द्वारा किए गये रिसर्च में ये दावा किया गया है कि अच्छी शिक्षा से भी उतनी संतुष्टि नहीं मिल पाती जितनी सच्चा प्यार पाने से मिलती है। यानी सच्चे प्यार और अच्छे मानसिक स्वास्थ्य़ की बराबरी कोई और चीज़ नहीं कर सकती। खुशी के दूसरे पैमाने इनसे बहुत पीछे हैं। यहां हमें ओशो द्वारा कही गई एक और बात याद आ रही है, ओशो ने कहा था कि जितना हो सके भोले, कम ज्ञानी, और बच्चे जैसे बने रहिए और जीवन को आनंद के रूप में लीजिए क्योंकि वास्विकता में यही जीवन है।
हमें लगता है कि पैसे, अच्छी शिक्षा और भौतिक सुख सुविधाओं की ज़रूरत सभी को होती है क्योंकि जब पेट भरा होता है। हाथ में पैसा होता है तो खुश रहने के अवसर भी ज्यादा मिलते हैं लेकिन ये सुविधाएं भी प्यार और मानसिक स्वास्थ्य की बराबरी नहीं कर सकती। इसलिए आज आपको प्यार और अपनी भावनाओं की अहमियत को समझना होगा।
अब हम आपको दुनिया की सबसे अनोखी स्टडी के ज़रिए समझाएंगे कि कैसे जीवन में खुश और स्वस्थ रहने के लिए पैसा नहीं, अपनों का साथ और सच्चा प्यार महत्वपूर्ण होता है। हावर्ड मेडिकल स्कूल ने 75 वर्षों से भी ज्यादा समय तक 723 लोगों के जीवन पर एक रिसर्च किया जिसे 'द ग्रैंट स्टडी' कहा जाता है 'द ग्रैंट स्टडी' को अभी तक का सबसे लंबा रिसर्च माना जाता है। 
स्टडी में शामिल किए गए 723 लोगों में से 60 लोग आज भी जीवित हैं और इन 60 लोगों की उम्र 90 के आसपास हो चुकी है। और अब इन लोगों के 2000 बच्चों पर भी स्टडी की जा रही है यानी करीब 78 वर्ष पुरानी ये स्टडी आज भी चल रही है। 1938 में शुरू की गई इस स्टडी में दो समूहों को शामिल किया गया था। पहला समूह उन लोगों का था जो हावर्ड जैसे नामी गिरामी शिक्षण संस्थान से पढ़कर निकले थे और दूसरा समूह था बोस्टन के गरीब इलाकों में रहने वाले कुछ युवाओं का। 
गरीब इलाके से जानबूझकर ऐसे युवाओं को चुना गया जो बहुत ज़्यादा परेशानियों का सामना कर रहे थें जिनके पास खाने तक के पैसे नहीं थे। दोनों समूहों में से कई लोग आगे चलकर फैक्ट्री के मजदूर बन गए, कुछ लोग बड़े वकील बन गए। कुछ लोग कारोबारी बने इतना ही नहीं स्टडी में शामिल एक युवा तो आगे चलकर अमेरिका का राष्ट्रपति भी बन गया और इस युवा का नाम था जॉन एफ केनेडी। 
स्टडी में शामिल कई लोगों को शराब की लत लग गई। कई लोग मानसिक बीमारियों के शिकार हो गए, और कुछ लोगों ने बहुत मेहनत से खुद को आर्थिक और सामाजिक रूप से मज़बूत बनाया। जबकि कई लोगों ने उल्टी राह पकड़ी और वो आर्थिक और सामाजिक मज़बूती से बर्बादी की तरफ बढ़ गए।
हर 2 वर्ष में इन लोगों को सवालों की एक सूची भेजी जाती है। जिसमें कई तरह के सवाल होते हैं। इन लोगों के लिविंग रूम में इन लोगों का साक्षात्कार लिया जाता है। मेडिकल रिकॉर्ड की जांच की जाती है और इनकी पत्नियों, बच्चों और पोते पोतियों से भी बात की जाती है। आपको इस स्टडी के अभी तक के नतीजे जानकर हैरानी होगी। इस स्टडी से मुख्य रूप से तीन निष्कर्ष हासिल हुए-

-पहला ये कि जो लोग सामाजिक तौर पर लोगों से जुड़े रहते हैं वो ज्यादा खुश और ज्यादा सेहतमंद होते हैं।

-और जिन लोगों के संबंध कम लोगों से हैं उनके लिए अकेलापन ज़हर का काम करता है। 

-इस स्टडी से दूसरा बड़ा सबक ये मिला की दोस्तों और पार्टनर्स की संख्या चाहे कितनी भी हो अगर उसमें गुणवत्ता ना हो तो ऐसे रिश्ते ज्यादा नहीं चल पाते। 

-शोधकर्ताओं का मानना है कि ऐसे रिश्तों में टकराव की स्थिति में रहने से अच्छा है कि तलाक ले लिया जाए।

-इस शोध में ये भी पता लगा कि जो लोग 50 की उम्र में खुश थे वो लोग 80 वर्ष की उम्र में दूसरों के मुकाबले ज्यादा सेहतमंद बने रहे।

-इस स्टडी से जो तीसरा और अंतिम निष्कर्ष निकाला गया वो ये था कि जिन लोगों ने अपने काम को हल्के फुल्के अंदाज़ में किया और अपने सहकर्मियों को वर्कमेट की जगह प्लेमेट समझा, वो लोग 75 वर्ष की उम्र में सबसे ज्यादा खुश थे।
हमें लगता है कि जो लोग जीवन से प्यार करते हैं उनके लिए जीवन में सच्चे प्यार की अहमियत सबसे ज्यादा होती है। और यही प्यार असीमित खुशी की वजह बन जाता है। 
भगवद गीता में श्री कृष्ण ने कहा है कि मुझे जीतने का एक ही तरीका है और वो है प्रेम। मुझे प्रेम कीजिए और मैं सहर्ष आपका हो जाऊंगा। यानी प्रेम की ताकत के ज़रिए दुनिया में किसी को भी जीता जा सकता है लेकिन आधुनिक दौर में हमने दूसरी बनावटी खुशियों की खातिर प्रेम के महत्व को कम कर दिया है। अगर आपके जीवन में भी सच्चे प्यार की कमी है तो आपको हमारा ये DNA टेस्ट आपको प्रेमपूर्वक देखना चाहिए। ये विश्लेषण आपकी सोच को बदल सकता है और आपके जीवन को पहले के मुकाबले ज़्यादा सार्थक बना सकता है।

  सेहत के लिए काफी नुकसानदायक है अखबार पर रखकर खाना

देश के खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई ने खाने की चीजों को अखबार में रखने, पैक करने या रखकर खाने के प्रति लोगों को आगाह किया है और इसे खतरनाक व जहरीला बताया है। एफएसएसएआई का कहना है अखबारों में रखे खाने के जरिए लोगों के शरीर में कैंसर जैसे रोग के कारक तत्व पहुंच रहे हैं।
भारतीय खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकार (एफएसएसएआई) ने इस बारे में एक परामर्श जारी किया है।
इसमें कहा गया है, ‘खाने या खाद्य पदार्थों को अखबारों में रखना या लपेटना अस्वास्थ्यकारी है और इस तरह के खाद्य उत्पाद या खाना खाना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है भले ही उक्त खाना कितना अच्छा बना हो।’ उल्लेखनीय है कि केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने एफएसएसएआई से कहा था कि वह इस बारे में परामर्श जारी करे।
परामर्श में कहा गया है कि चूंकि अखबार छापने वाली स्याही में अनेक खतरनाक बायोएक्टिव तत्व होते हैं जिनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभावों की जानकारी सभी को है। इसके साथ ही प्रकाशन स्याही में हानिकारक रंग, पिगमेंट व परिरक्षक आदि हो सकते हैं।
इसमें कहा गया है कि बुजुर्गों, किशोरों, बच्चों व किसी रोग से पीड़ित लोगों को अखबारों में खाना देना खतरनाक हो सकता है।
एफएसएसएआई ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों से कहा है कि वे इस बारे में लोगों को जागरूक करें।

एंटीबायोटिक्स: जानें, ये कैसे काम करते हैं और शरीर पर इसके प्रभाव

आजकल एंटीबायोटिक्स के उपयोग धड़ल्ले से हो रहे हैं। लेकिन यह हर बीमारी में कारगर साबित नहीं होता और बार-बार इस्तेमाल से इसके प्रभाव कम हो जाते हैं।
एंटीबायोटिक्स क्या है?
एंटीबायोटिक्स को एंटीबैक्टिरियल भी कहा जाता है। बैक्टेरियल इंफैक्शन्स से लड़ने के लिए यह बहुत ही शक्तिशाली दवा है। यह अगर उचित तरीके लिया जाय को आपके जीवन को बचा सकता है। लेकिन दूसरी दवा की तरह एंटीबायोटिक्स का भी साइड इफैक्ट होता है।
कैसे कार्य करते हैं एंटीबायोटिक्स
बैक्टीरिया के तेजी से बढ़ने और लक्षण दिखाने से पहले शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र सामान्य तौर पर इन्हें नष्ट कर सकता है। हमारे पास विशेष श्वेत रक्त कणिकाएं होती हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया पर आक्रमण करती हैं। कभी-कभी जब बैक्टीरिया का संक्रमण गंभीर होता है, तब एंटीबायोटिक्स की सहायता लेनी पड़ती है, जो बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं या उनके विकास को धीमा कर देते हैं। कई बार संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक्स को सर्जरी के पहले भी दिया जाता है।
एंटीबायोटिक्स का उपयोग

- एंटीबायोटिक्स डॉक्टर की सलाह के बगैर न लें। हर बीमारी के लिए अलग प्रकार के एंटीबायोटिक्स होते हैं, जिसे डॉक्टर की सलाह से ही समझ सकते हैं।

- जितनी मात्रा में और जिस समय डॉक्टर बताएं, उसी अनुसार एंटीबायोटिक्स लें, क्योंकि बताई गई मात्रा और समय का ध्यान न रखना नुकसान पहुंचा सकता है।

- डॉक्टर जितने समय के लिए एंटीबायोटिक्स कोर्स करने की सलाह दें, उसे अवश्य पूरा करें, तबीयत ठीक लगने पर बीच में ही इनका सेवन बंद न कर दें।

- अगर आप उपचार तुरंत बंद कर देंगे तो कुछ बैक्टीरिया जीवित बच जाएंगे और आपको पुन: संक्रमित कर देंगे।

- हर इंसान के शरीर के मुताबिक अलग एंटीबायोटिक्स लाभ देते हैं, इसलिए किसी दूसरे व्यक्ति के लिए दिए गए एंटीबायोटिक्स का सेवन कतई न करें।

- इन्हें खाना खाने से एक घंटा पहले या दो घंटे बाद लेना चाहिए।
एंटीबायोटिक्स का न करें उपयोग

- गर्भवती महिलाएं।

- स्तनपान कराने वाली महिलाएं।

- जिनकी किडनी या लिवर ठीक प्रकार से काम न कर रहे हों।

- एंटीबायोटिक्स दूसरी दवाओं से भी रिएक्शन कर लेते हैं, इसलिए अगर आप एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल कर रहे हैं तो दूसरी दवाओं का इस्तेमाल न करें।
एंटीबायोटिक्स के दुष्प्रभाव

सर्वाधिक गंभीर संक्रमण के लिए जो क्लिंडामाइसिन एंटीबायोटिक दवा ली जाती है, आमतौर पर उसके दुष्प्रभाव अधिक दिखाई देते हैं। हालांकि पेनिसिलीन, सेफैलोस्पोरिन और इरिथ्रोमाइसिन के इस्तेमाल से भी ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

- मुंह, पाचन मार्ग और योनि का फंगल इन्फेक्शन।

- किडनी स्टोन का निर्माण।

- असामान्य ब्लड क्लॉटिंग।

- सूरज की किरणों के प्रति संवेदनशील होना।

- कुछ की बड़ी आंत में सूजन आ जाती है, जिससे डायरिया हो सकता है।

- एंटीबायोटिक्स लेने के तुरंत बाद एलर्जिक रिएक्शन दिखाई देना।

- अधिक सेवन से मोटापा बढ़ना।

-एंटीबायोटिक दवाएं आंतों के लाभदायक बैक्टीरिया को मार देती हैं, जिससे रोग प्रतिरोधक तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

- छोटी उम्र में ही एंटीबायोटिक्स का अधिक सेवन इम्यून सिस्टम को अग्नाशय पर आक्रमण करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे शरीर में इंसुलिन के निर्माण की प्रक्रिया प्रभावित होती है। इससे डायबिटीज की आशंका बढ़ जाती है।

                  
   बवासीर होने का कारण:-
         बवासीर होने के कई कारण है कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित है|
  1. कब्ज:- यदि आपको हमेशा कब्ज की बीमारी रहती और आपको मलत्याग करते समय जोर लगाने के कारण गुदे में उपस्थित रक्त नालिकाओ में पे लगातार जोर डालने से बवासीर की बीमारी हो सकती है| यदि आप कब्ज से पीड़ित है तो आपको इससे बचना चाहिए जिससे आपको बवासीर नामक बीमारी न हो सके|
  2. बुढ़ापा:- मानव शरीर जब बुध हो जाता है तो उसमे उपस्थित सभी तंत्र कमजोर पड़ने लगता है| ऐसे ही जब हमारी उम्र बढ़ जाती है तो हमारे गुदे कमजोर हो जाते है और हमे बवासीर नमाक बीमारी हो जाती है|
  3. गर्भावस्था:- कुछ महिलाओ को गर्भावस्था के कारण बवासीर हो जाता है क्युकी गर्भावस्था में हमारे शरीर में बहुत सरे बदलाव होते है जिससे हमे इस बीमारी को झेलना पड़ता है|
  4. अनुवाशिकता:- कुछ लोगो को बवासीर अनुवांशिकता के कारण भी हो जाता है क्युकी उनके गुदे अनुँवाशिकता के कारण कमजोर होते है|
  5. गुद मैथुन:- कुछ लोग अप्राकृतिक गुड मैथुन करते है जिससे कारण गुदे की रक्त नलिकाए कमजोर हो जाती है और हमे बवासीर नामक बीमारी को झेलना पड़ता है|
  6. मोटापा:- कुछ लोगो को मोटापा के कारण उनका पेट बहुत बढ़ जाता है और पेट के बढ़ते दबाव के कारण उन्हें बवासीर की बीमारी हो जाती है|
  7. ज्यादा वजन उठाने से:जब हम ज्यादा वजन उठाते है तो हम अपनी सांसे रोक कर उठाते है जिससे हमारे गुदो पर  दबाव पड़ता है और हमे बवासीर नामक बीमारी का सामना करना पड़ता है|
  8. आहार:यदि आप पौष्टिक आहार लेते है तो आप बवासीर से बाख सकते है और यदि आप बहुत तीखा,तला हुआ, कोल्ड ड्रिंक्स ज्यादा लेते है तो आपको बवासीर का सामना करना पड सकता है|
  9. जीवन शैली:- यदि आपकी जिअवन शैली ठीक नही है मतलब आप ज्यादा समय तक बैठे या खड़े रहते है तो आपको ये बीमारी हो सकती है|
ऊपर लिखे हुए किसी भी कारण से अआप्को बवासीर की शिकायत हो सकती है तो यदि आपको स्पष्ट नही है की आपको बवासीर हुआ है की नही मई निचे कुछ बवासीर के लक्षण लिखने जा रहा हु जिससे आपको बवासीर नामक बीमारी हो सकती है|

बवासीर होने के लक्षण:-

बवासीर के लक्षण निम्नलिखित है जिससे आप पता लगा सकते है की आपको बवासीर हुआ है की नही| तो आओ जानते है की बवासीर के लक्षण कौन-कौन से है|
  • यदि आपको उठने, बैठने, चलने पर गुदे में परेशानी होती है तो आपको ये जान जाना चाहिए की आपको बवासीर की शिकायत हो रही है|
  • यदि आपके गुदे में लगातार खुजली होती रहती है तो आपको ये जान लेना चाहिए की आपको बवासीर की बीमारी की शुरुआत हो रही है|
  • रोगी को मलत्याग के समय गुदे वाली जगह पर काफी दर्द होता है और खून गिरता है|गुदा द्वार में मस्से के होने से रोगी को बहुत मल त्यागने में बहुत कथनी का सामना करना पड़ता है|
तो यदि आपको इन सब परेशानी को उठाना पड़ता है तो आप बवासीर का इलाज शुरू कर दीजिये| यदि आप ये सोच रहे है की आपको इसके लिए बहुत पैसो की ज़रूरत पड़ेगी तो आप गलत है क्युकी यदि आप का ये रोग घरेलू इलाज से ठीक हो जाता है तो आपको पैसा खर्च करने की ज़रूरत ही नही है|

बवासीर का घरेलू इलाज:-

बवासीर एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण रोगी को बहुत परेशानी का सामना करना पड सकता है|बवासीर का घरेलू इलाज संभव है| आओ बवासीर का घरेलू इलाज के बारे में जानते है| बवासीर का घरेलू इलाज निम्नलिखित है|
  • 2 लीटर छाछ में थोडा सा अजवाईन और जीरा मिला कर पिए|यदि आप इस लगातार करते रहेंगे तो बवासीर धीरे धीरे ख़त्म हो जायेगा|
  • गुड को जिमीकंद में मिलकर पिए| इस उपाय से आप बवासीर की बीमारी से जल्द ही छुटकारा पा सकते है|
  • यदि रोज एक टिल का लड्डू खाते है तो आप बवासीर की बीमारी से निजात पा सकते है|
  • तरल खाद्य पदार्थो को ज्यादा सेवन करे यदि आप तरल पदार्थो का ज्यादा सेवन करते है तो आपको मॉल त्यागते समय परेशानी कम होगी|
  • चुकंदर का रस, गाजर का रस और पलक के रस को रोज पिए जिससे आपको बवासीर में काफी हद तक फायदा मिल सकता है|
  • यदि आप नीम का तेल बवासीर वाली जगह पर रोज लगायेंगे तो बवासीर बहुत ही जल्दी ठीक हो जायेगा|
  • शलजम, मेथी, अदरख, प्याज का सेवन रोज करे जिससे आपको बवासीर में बहुत फायदा होगा|
  • यदि आप लगातार तीन या चार महीने जामुन खाए तो आपको बवासीर में बहुत फायदा होगा|
  • मुली से नियमित सेवन से बवासीर ख़त्म हो जाता है|
  • पुदीना, अदरख और निम्बू के रस को शहद में मिला कर पीने से बवासीर एक दम ख़त्म हो जाता है|
यदि आप उपाय दिए हुए उपाय का रोजाना और नियमित रूप से इलाज करते है तो आपको इस दुखदाई बीमारी से जल्द ही मुक्ति मिल जाएगी|उपाय दिए हुए इलाज बहुत ही बढ़िया है जिसमे किस प्रकार का साइड इफ़ेक्ट नही है

  आँखों की देखभाल करने का आसान तरीका –

हम देख रहे है की इस  भागती हुयी लाइफ में हमारी आँखे ख़राब होती जा रही है और बहुत सी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है जैसे की आँखों में जलन दर्द और लालिमा जैसी परेसानी होती चली आ रही है ऐसे में अगर हम अपने आँखों की सही तरह से देखभाल करे तो बहुत फायदा हो सकता है और अपनी आँख को स्वस्थ भी रखा जा  सकता है |  तो आइये हम जानते है की कैसे हम अपनी आँखों को  स्वस्थ रख सकते है और  आँखों की देखभाल से जुड़ा कुछ तरीका भी मैं आपको बताने जा रहा हूँ जो बहुत उपयोगी साबित हो सकता है आइये जानते है |

  • नमक और पानी का इस्तेमाल – दोस्तों आँखों को स्वस्थ रखने में नमक और पानी का बड़ा योगदान होता है आपको बताये की अगर किसी की आँखों में जलन हो या दर्द हो तो आप पानी में नमक मिलाकर उसे उबाल ले | अब इस पानी को ठंडा होने दे और जब पानी ठंडा हो जाये तो इस पानी से अपने आँखों की अच्छे से धुलाई करे | ऐसा करने से आपकी आँखे स्वस्थ रहेगी और इस तरह से आप अपनी आँखों की देखभाल कर सकते है | आप अपनी आँख को पानी से धो कर भी स्वस्थ रख सकते है जैसे आप सुबह उठकर अपनी आँख को पानी से अच्छे से धुलाई करे और छीटे से भी रहत मिल  सकता है |
  • आंवले का इस्तेमाल – दोस्तों आप अपनी आँख को आंवले के सेवन से भी स्वस्थ रख सकते है अगर सुबह आप १ आंवले का सेवन नियमित रूप से करे तो बहुत फायदा हो सकता है | आंवले में पाए जाने वाले पोषक तत्व हमारे सरीर के लिए बहुत लाभदायक होते है इसलिए सभी को इसका सेवन जरूर करना चाहिए | हम सभी जानते है की आंवले में विटामिन C प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो हमारी आँखों के लिए फायदेमंद होता है |
  • योग से आँखों की देखभाल – हम अपनी आँखों की देखभाल योग और व्यायाम से भी कर सकते है अगर हम रोज सुबह प्राडायाम करे और नंगे पाँव चले तो हमारी आँखे स्वस्थ रह सकती है इसलिए सभी को नियमित रूप से योग जरूर करना चाहिए | और अगर आप रोज सुबह हरी घास में ओश में नंगे पाँव चले तो आपकी आँखे स्वस्थ रह सकती है |
  • सरसों तेल – आपको बताये की आप अपनी आँखों को सरसों के तेल के इस्तेमाल से भी स्वस्थ रख सकते है अगर किसी की आँखों में दर्द हो या जलन हो तो आपको आसान सा तरीका बताये की आप रोज शाम को सोते समय अपने पैर के तलवे में सरसों के तेल से मालिश करे और लगा ले ऐसा करने से आपकी आँखे स्वस्थ रह सकती है और बहुत लाभ हो सकता है |
  • हरी सब्जियों का इस्तेमाल –  हम सभी लोग अगर रोज हरी सब्जियों का सेवन करे तो इससे भी अपनी आँखों को स्वस्थ रखा जा सकता है और अगर आप अपने खान पान पर ध्यान देंगे तभी अपने सरीर को स्वस्थ रख सकते है इसलिए सभी को हरी सब्जी और हरे साग का सेवन जरूर करना चाहिए |
  • आँखों का व्यायाम – अगर आप अपने आँखों का व्यायाम करे मेरा मतलब की आप अपने  ऊपर निचे दाये बाये करे ऐसा करने से  की दर्द दूर हो सकती है और अगर आप किसी चीज़ को एक टक देखे तो इससे भी आपकी आँख स्वस्थ रह सकती है और मन भी एकाग्रचित हो सकता है |
दोस्तों हम अपनी आँख को अगर सही से देखभाल करे और खानपान का भी ध्यान रखे तो बहुत फायदा हो सकता है और भी बहुत से तरीके है आँखों की देखभाल करने के आइये जानते है |
  1. अगर आप तांबे के बर्तन में पानी को रात में रखकर सुबह उसका सेवन करे तो बहुत फायदा हो सकता है और ऐसा करने से आपका पेट भी सही रहेगा |
  2. सबसे जरुरी बात आपको बताये की अगर आप सही तरह से सोते है तो आपकी आँख स्वस्थ रहेगी इसलिए आपको रोज पूरी नींद लेनी जरुरी है |
  3. जब भी आप अपनी आँखों की धुलाई करे तो कुछ बातो का जरूर ध्यान रखे जैसे की आप जब भी धुले तो  तेज आँखों को न रगड़े  छीट्टा जरूर मारे ऐसा करने से आपकी आँखे स्वस्थ रह सकती है |
  4. समय समय पर TV, laptop, और mobile का इस्तेमाल करे और जहा तक हो सके दूर से इन सभी चीज़ों का इस्तेमाल करे तो बहुत फायदा होगा |
  5. कभी भी आप बाहर निकले या धुप में निकले तो चश्मे और अगर गाड़ी चलाये तो हेल्मेड का इस्तेमाल जरूर करे  इससे आपकी आँख तो सुरछित रहेगी साथ ही आप भी सुरछित रह सकते है |
दोस्तों हम सभी लोग अगर नियमो का पालन करेगे तो स्वस्थ रह सकते है और अपनी सरीर को भी  सही रख सकते है | अब मैं  उम्मीद के साथ आप सभी को कह सकता हु की आपने मेरा पोस्ट अच्छे से पढा होगा तो बहुत लाभ मिल सकता है और अब आप इसे फॉलो करके अपनी आँखों की समस्या से छुटकारा पा सकते है |
हमारा फेस हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण भाग है| चेहरा ही हमारी पहचान है और यदि हमारा चेहरा सुन्दर और attractive है तो ये हमारे पेर्सोनाल्टी के लिए बहुत ज़रूरी है| हमारा चेहरा श्याम रंग अहि या गोरा है इससे मतलब नही है लेकिन चेहरा जैसा भी है उसमे दाग या झी नही होनी चाहिए| आज के इस प्रदुषण भरे माहोल का सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे फेस पर पड़ता है| यदि हम आपने चेहरे का ख्याल ठीक से नही रखते है तो हमारे चेहरे पर झाई और दाने पड़ना स्टार्ट हो जाती है| अक्सर झाई बूढ़े पन की निशानी होती है मगर यदि हम आपने चेहरे का ठीक से ख्याल नही रखते है तो ये झाई नमक बीमारी हमारे फेस को जवानी में ही परेशान करने लगती है|
यदि आपको भी झाई नामक बीमारी से पीड़ित है और आप भी हजारो का उपचार करके थक गये है तो चिंता की कोई बात नही है क्युकी आज हम इस पोस्ट में आपको झाई से छुटकारा पाने के लिए घरेलू और एक दम फ्री इलाज बताएँगे| अक्सर झाई हमारे खान पान ठीक न होने के कारण होती है|ज्यादा तेल खाने से या फ़ास्ट फ़ूड ज्यादा खाने से झाई हमारे शरीर पर पड़ जाती है यदि हम अपना खान पान ठीक कर ले तो झाई अपने आप ठीक हो जायेगा|सबसे पहले हमको जानना चाहिए की ये झाई नमक बीमारी हमारी त्वचा पर आती क्यों है|तो आओ जानते है की झाई होने का क्या कारण है|
झाई होने के प्रमुख कारण:-
  • हाइपर पिगमेंटेशन के कारण|
  • यदि आपके परिवार में जैसे आपके माँ या बाप को झाई है तो आपको भी झाई हो सकती है|
  • यदि आप धुप में काम करते है तो आपको झिया हो सकती है|
  • हार्मोनल गड़बड़ से|
  • ज्यादा तेल खाने से|
  • फ़ास्ट दूद ज्यादा खाने से|
जैसा की आप ऊपर पढ़ चुके है की झाई पड़ने के प्रमुख कारण कौन-2 से है| यदि आपका चेहरा बहुत सुन्दर है और उसमे कही दाग या झाई पड जाती है तो यह चाँद में दाग के सामान है| इसी लिए हमको झाई नमक रोग से बचे रहना चाहिए|
झाई को ठीक करने का घरेलू इलाज:-  यदि आपके चेहरे में झाई हो ही गई है तो आपको चिंता करने की बात नही है क्युकी नीचे मैंने कुछ ऐसे उपचार और घरेलू उपाय बताये है जिससे आप अपने झाई का इलाज कर सकते है और आपके चेहरे से यह झाई 100% ठीक हो जायेगी|
  • निम्बू के प्रयोग से झाई दूर करने का तरीका:- यदि आपके चेहरे पर झाई हो गयी है तो आप झाई को केवल निम्बो की प्रयोग से झाई ठीक कर सकते है|
    ताजे निम्बू को छोटे छोटे टुकडे में काट ले| अब आपके चेहरे में जहा जहा जाही हुई है वहा वहा निम्बू के टुकड़े को रख दे|अब निम्बू के टुकड़े को 10 से 15 मिनट तक चेहरे के प्रभावित हिस्से पर रखा रहने दे जिससे आपका चेहरा निम्बू के रस को ठीक से सोख ले|अब निम्बू के टुकड़े को हटा कर चेहरे पर लगे रस को हलके गुनगुने पानी से धो ले|यह उपाय नियमित रूप से कुछ दिन तक करने से झाई एक दम से ठीक हो जाती है|
  • शहद के प्रयोग से झाई को दूर करने का तरीका:-  शहद में पाया जाने वाले इन्जाइम से चेहरे पर यदि काले धब्बे हो तो आसानी से ठीक हो जाते है| शहद हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी है|
    एक बर्तन में पहले शहद को गरम कर ले| गरम करने से शहद में पाया जाने वाला इन्जाइम एक्टिव हो जाता है|अपने चहरे के धब्बे पर इस शहद को लगाये|अब जब तक शहद चहरे पर सूख न जाये तब तक चहरे पर लगा रहने दे| सूख जाने के बाद गरम पानी से धो ले| यह प्रक्रिया एक महिना करने से फेस पे होने वाली झाई एक दम से सही हो जाती है|
  • फलो से झाई दूर करने का तरीका:- जैसा की आप पढ़ चुके है की शहद में एक प्रकार का  इन्जाइम पाया जाता है जो झाई को ठीक करने में बहुत कारगर होता है उसी प्रकार फलो में भी  इन्जाइम पाया जाता है जो झाई को ठीक करने तथा मेलेनिन स्तर को कम करता है|
    जामुन का रस त्वचा को सॉफ करने मे और झाई हटाने के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है| हाइड्रोक़्विनों और आर्ब्यूटिन बीयर बेरी मे पाए जाते है | यह युवा उर्वसि के नाम से भी जानी जाती है| यह सारे तत्व त्वचा मे सफ़ेदी लाते है और झाइयो को कम करते है| बीयर बेरी का रस पपीते के साथ या ओटमील पावडर के साथ मिलाया जाए तो अच्छा परिणाम देता है|
  • सब्जियों द्वारा झाई को ठीक करने का तरीका:-
    प्याज़ मे सल्फर पाया जाता है| यह डेड स्किन सेल को हटाता है और नई स्किन लाता है| चेहरे पर ताज़गी आती है| कटे हुए प्याज़ से रस निकाले| सेब के सिरके के साथ उसे मिलाए| यह घोल दाग पर लगाए| ३० मिनट तक रखे फिर धो ले|इस तरीके को नियमित रूप से महीने भर करने से आपको इसका असर दिखने लगेगा|
यह ज़रूरी नही है की ऊपर दी हुई सभी चीज़े आपके चेहरे को सूट करे तो यदि कोई भी तरीका अपने उपयोग में लाया हो और आपके चेहरे पर दाना पद गया ओ तो उसे तुरंत छोड़ दीजिये और दूसरा तरीका उपयोग में लाये| ऊपर दिए हुए सभी इलाज एक दम आयुर्वेदिक है जिसका कोई भी साइड इफ़ेक्ट नही है इसी लिए  आप बिना संकोच के ऊपर दिए हुए तरीके को उपयोग में ला सकते है| यदि हमारे चेहरे पर झाई हो जाती है तो हम बहुत चिंता हो जाती है लेकीन आपको चिंता करने की कोई ज़रूरत नही है क्युकी ऊपर दिए हुए तरीके का यदि आप नियमित रूप से आपने चेहरे पर उपयोग में लायेंगे तो आपकी झाई एक दम से दूर हो जायेगी|

आज कल के जिंदगी में किसी को भी फटे होठ पसंद नही है और न ही उसमे होंने वाले दर्द को कोई भी व्यक्ति सहना चाहे| इसी लिए यदि आपके होठ भी फटे है तो आपको उसको दूर करने के उपाय ढूढ़ना चाहते है| कई लोग मार्किट में बिकने वाले प्रोडक्ट को लगाते है लेकिन उनको मन माफिक उपचार नही मिल पाते है| यदि आप भी मार्किट वाले प्रोडक्ट को अपने होठ पर लगा कर देख चुके है और आपको फायदा नही हुआ है तो आपको चिंता करने की ज़रूरत नही है|क्युकी आपको आज इस पोस्ट के ज़रिये होठ के फटने का घरेलू इलाज पता चलेगा जिसके ज़रिये आप होठ फटने की बीमारी को एक दम से ठीक कर सकते है| हमारे शरीर में मुह मतलब हमारा फेस सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है\ जिसको सुन्दर और स्वस्थ रखने के लिए हम कई प्रकार के ट्रीटमेंट करते है और हजारो रुपये खर्चा करते है|हमारे फेस में होठ भी एक ऐसा भाग है जिससे हमारे चेहरे की सुन्दरता बढती और घटती है|
यदि हमारे होठ स्वस्थ और लाल है तो ये हमारे फेस की सुन्दरता में चार चाँद लगा देते है लेकिन होठ को लाल और स्वस्थ रखना कोई मजाक की बात नही है| क्युकी होठ को सुन्दर बनाने के लिए होठ को बहुत देखभाल की ज़रूरत है और इसी वजह से कई लोगो की होठ फटने और काले पड जाते है| बहुत से लोग होठ को सुन्दर बनाने के लिए बहुत से ट्रीटमेंट करते है और बहुत सारे पैसे खर्चा करते है| लेकिन आज मै इस पोस्ट के ज़रिये आपको होठ को स्वस्थ रखने का घरेलू तरीका बताता हु जिसके ज़रिये आप बिना पैसे के घर में रखे खाद्य पदार्थो से अपने फटे होठो का इलाज ,,कर सकते है| आओ सबसे पहले जानते है की होठ  फटने का कारण क्या है| आखिर हमारे होठ फटते क्यों है?
होठ फटने का कारण:- होठ फटने के सामान्य कारण निम्नलिखत है|
  • होठ को बारबार जीभ से चाटने से|
  • मुह से साँस लेने से|
  • पानी की कमी से|
  • स्मोकिंग करने से|
  • विटामिन बी या आयरन की कमी से|
  • कुछ खाने की एलर्जी
  • किसी अन्य बीमारी के चलते होठ का फटना|
  • फंगल इन्फेक्शन से|
  • यदि आपके अन्दर ऊपर दिए हुए कारण में से कोई भी कारण हो जाता है तो आपके होठ फटने लगता है और आपको होठ के कारण बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ता है|
होठ फटने का घरेलू इलाज:-  यदि आपके होठ भी फटने लगे है और आप उसका घरेलू इलाज करना चाहते है तो आओ जानते है की होठ फटने का घरेलू इलाज क्या है जिसके ज़रिये हम ओने फटे होठ सही कर सकते है और होठ से होने वाली परेशनी को भी दूर कर सकते है|
  • सुबह तथा रात को नाभि को साफ़ करके उसमे गुनगुना सरसों का तेल लगाना चाहिए| ये उपाय करने से होठ मुलायम और बढ़िया दिखते है|
  • यदि आपके होठ सर्दी के कारण फटे है तो आपको आपने फटे होठ पे दूध की मलाई लगनी चाहिए जिसकी मदद से आपके होठ पहले जय से लाल और एक दम बढ़िया हो जायेगे| दूध की मलाई रात को सोने से पहले लगाना चाहिए जिससे दुध की मलाई रात भर आपके होठ पर लगा रहे है और आपके होठ को ठीक से फयादा कर सके|
  • यदि आपके होठ बहुत फट गए हो तो रोज़ सुबह और शाम को बादाम का तेल होठ पर लगाने से होठ एक दम ठीक और स्वस्थ हो जाते है\
  • यदि आपके होठ काले और सूखे पड गए हो तो आपको गुलाब के ताजा पंखुडियो को पीस कर उसमे गिलिसरीन मिला कर रोज़ होठ पर लगाना चाहिए और लिपस्टिक का उपयोग कम कर देना चाहिए|ये उपचार करने से होठ में होने वाले रोग से छुटकारा मिलता है और होठ गुलाबी होते है
  • यदि आपके होठ सूखे और फटे हुए है तो छाछ से निकले मक्खन को अपने होठो पर रोज़ लगाओ| यदि आपको होठ से कोई भी प्रॉब्लम है तो जल्दी से जल्दी ठीक हो जाएगी|
  • घी में ज़रा सा नमक मिला कर होठो में सुबह शाम लगने से होठो में होने वाली दिक्कत जड़ से ख़त्म हो जाती है|
  • सरसों के तेल में थोडा सा हल्दी मिला कर होठ और नाभि में लगाने से होठ का फटना बंद हो जाता है|
  • प्रति दिन तीन से चार गिलास पानी से होठ गुलाबी और गीले रहते है|
  • रोज़ दिन में दो से तीन बार ग्लिसरीन लगाने से होठ में होने वाली हर परेशानी का इलाज हो जाता है|
  • यदि आप चाहते है की मौसम का प्रभाव होठ पर न पड़े तो विटामिन अ तथा बी को लेना न बंद करे जैसे -हरी सब्जी, फल, जूस, मक्खन आदि का उपयोग रोज़ करे|
यदि आप अपने होठ के फटने से परेशां है तो आपको डरने की ज़रूरत नही है क्योंकी उपाय दिए हुए घरेलू नुश्खे के उपयोग से आप अपने होठ को सुन्दर और स्वस्थ रख सकते है|
आज के इस पोस्ट में आपको होठ की देख भाल करने के तरीके बताये गए है|यदि आप ऊपर दिए हुए नुस्खे को आजमाएंगे तो आपको होठ से होने वाली परेशानी जड़ से ख़त्म हो जाएगी| हमे होठो का ख्याल रखना चाहिए क्युकी होठ हमारे चेहरे का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है| यदि हमारा होठ स्वस्थ और सुन्दर है तो आपका चेहरा बिलकुल खिला खिला लगेगा| इसी लिए अपने होठो का ख्याल रखे| 
विटामिन और प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरुरी चीज़ है| विटामिन हमारे शरीर के विकास तथा कई रोगों से लड़ने के लिए बहुत ही आवश्यक है| यदि हमारे शरीर में किसी भी विटामिन की कमी हो जाये तो हमे बहुत बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है| इसी लिए ये जाना बहुत ज़रूरी है की विटामिन की कमी से कौन – से रोग हो सकते है | हमारे शरीर में बहुत प्रकार के विटामिन पाए जाते है जैसे- विटामिन A, विटामिन B,विटामिन Cविटामिन Dविटामिन E इत्यादि| अगर इन सब विटामिनो में से किसी भी विटामिन की कमी हो जाये तो हमे बहुत प्रकार की बीमारी होने लगती है|
आज इस पोस्ट में हम विटामिन B की कमी से होने वाले रोग तथा उनके उपचार में बात करेंगे| साथ-साथ हम बात करेंगे की विटामिन b की कमी होने के लक्षण तथा विटामिन बी के प्रमुख स्रोतों के बारे में| तो आओ जानते है विटामिन b की पूरी जानकारी तथा विटामिन बी की कमी से होने वाले रोग व उपचार| सबसे पहले जानते है की विटामिन b complex क्या है|
विटामिन b complex क्या है?
विटामिन b कॉम्लेक्स एक ऐसा विटामिन है जिसकी मदद से nervous system और दिमाग सही से काम करता है| यदि हमारे शरीर में विटामिन b complex की कमी हो जाये तो हमे बहुत बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है| विटामिन बी मुख्यतः 8 प्रकार के होते है|
विटामिन बी complex  के प्रकार निम्नलिखित है|
  1. विटामिन b1:- इस विटामिन को थायमं भी कहते है|इसका स्वाद नमकीन होता है| यह रंगहीन होता है| इस विटामिन की कमी से चक्कर आना, कब्ज की शिकायत, आँखों के आगे अँधेरा  छा जाना, चिडचिडा होना, एकाग्रता न होना व झगडेलू होना आदि लक्षण दिखाई देते है|प्रमुख स्रोत:- गेहू, मटर, मुगफली, संतरे, खमीर, हरी सब्जिय, अंडे, चावल और अंकुर वाले बीज में पाया जाता है|
  2. विटामिन b2:- इस विटामिन को  Riboflavin भी कहते है| यह विटामिन पीले रंग का होता है| यह विटामिन सूरज की रौशनी में तथा खाने को अधिक पकाने में समाप्त हो जाता है| शरीर मे इस विटामिन की कमी से मुँह और होठ फटने लगते है। यह vitamin आंखो,नाक और जीभ को स्वस्थ रखने के लिया अति आवश्यक है।प्रमुख स्रोत:- यह विटामिन अंडे की ज़र्दी, मछ्ली,दालों,मास,मटर,चावल व खमीर मे पाया जाता है।3) विटामिन B3 – इस विटामिन को Pantothenic भी कहा कहा जाता है। यह विटामिन शरीर की वृद्धि मे सहायक होता है। यह विटामिन लोगो के सलेटी रंग के बाल होने से बचाता है।
  3. प्रमुख स्रोत:-यह विटामिन दूध मे सबसे ज्यादा पाया जाता है। इसका अलावा यह ,मेवा व अखरोट मे भी पाया जाता है।
  4. 4) विटामिन B5 – इस विटामिन को Nicotinamide भी कहा जाता है। इस विटामिन की कमी से पैलेग्रा (Pellagra) रोग हो सकता है। यह विटामिन हमारे weight को control करने मे मदद करता है।
    प्रमुख स्रोत:-यह विटामिन खमीर,दूध,मक्खन,पिस्ता और दाल मे पाया जाता है
    5) विटामिन B6 – यह विटामिन हीमोग्लोबिन के निर्माण मे मदद करता है। यह विटामिन त्वचा को भी स्वस्थ रखता है।
    प्रमुख स्रोत:-यह विटामिन ,खमीर,चावल,गेहूँ व मटर मे पाया जाता है।
    6) विटामिन B7 – इसका रसायनिक नाम Biotin है। इसकी कमी से depression, हो सकता है।
    प्रमुख स्रोत:-बाजरा, ज्वार, मैदा, चावल, सोयाबीन, गेहूं,
    7) विटामिन B9 – यह विटामिन पीले रंग का स्वादहीन और रंगहीन होता है। भोजन को पकाते वक्त इस vitamin की ज़्यादातर मात्रा समाप्त हो जाती है। यह विटामिन खून के निर्माण मे मदद करता है।
    प्रमुख स्रोत:- अंकुरित अनाज, दलिया, मटर और मूंगफली
    8) विटामिन  B12 – यह विटामिन लाल रंग का होता है। खाने को ज्यादा पकाते वक्त यह विटामिन नष्ट हो जाता है। इस विटामिन की कमी से अनीमिया रोग हो सकता है। साथ ही इस विटामिन की कमी से नसों मे blockage, बहुत ज्यादा थकान और सर्दी,depression, तनाव और memory भी कमजोर हो सकती है।
  5.  यदि आपको दिए हुए विटामिन में से किसी भी प्रकार की कमी होती है तो आप हर विटामिन के नीचे लिखे हुए स्रोतों को नियमित खा कर के आपना रोग व विटामिन की कमी दूर कर सकते है|विटामिन बी की कमी से होने वाले रोग बहुत ही खतरनाक होते है|यदि आपको अपना रोग एक दम से सही करना है तो उपाय दिए हुए उपचार को सही से और नियमित रूप से करना पड़ेगा
  6. लकवा एक ऐसी बिमारी है जिसके होने के बाद हमारे शरीर के कई हिस्सों का काम  करना बंद हो जाता है| जिससे में लकवा की शिकायत होती है उस हिस्से से आप काम नही कर सकते है| शरीर का वो हिस्सा जहा पर लकवा हुआ है उसका घुमाना फिरना, हिलना आदि बंद हो जाता है| जब हमारे मष्तिस्क की नशे बंद हो जाती है या फट जाती है तो इस स्थित में हमारे शरीर के किसी भी हिस्से में लकवा की शिकायत हो सकती है| यदि आपको लकवा जैसी खतरनाक बिमारी से बचना है तो आपको पहले से सावधान रहना पड़ेगा| हम आपको इस पोस्ट लकवा के बारे में बतायेगे|
लकवा को इंग्लिश में पैरालिसिस कहते है| यदि इस बिमारी का इलाज समय से हो जाये तो ये बीमारी ठीक हो सकती है लेकिन ज्यादातर लोग पहले ध्यान नही देते है और जब ये बीमारी बढ़ जाती है तो इसके इलाज के लिए दौड़ते है| यदि हम पहले ही जान जाये की हमारे शरीर में इसके लक्षण दिख रहे है तो हम समय से इसका इलाज डॉक्टर को दिखा कर या घरेलू उपाय से कर सकते है| सबसे पहले हमे जानना होगा की इसके लक्षण क्या क्या है |हमारे शरीर को ठीक से कम करने के लिए खून की आवश्यकता पड़ती है और रक्त का सर्कुलेशन ठीक से नही होता है है तो हमारे शरीर में लकवा की शिकायत होने लगती है|तो आओ जानते है की लकवा  होने के लक्षण और उसके प्रमुख कारण कौन कौन से है|
लकवा के प्रमुख लक्षण:- लकवा के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित है|
  1. शरीर की नशों का सुख जाना|
  2. बोलने की शक्ति का धीरे -2 ख़त्म होना|
  3. आँख, कान, नाक का टेढ़ा होना|
  4. होठ का लटक जाना|
  5. सर दर्द होना|
  6. चक्कर आना |
  7. शरीर कपना|
  8. शरीर का कोई अंग बार बार सुन्न हो जाना|
  9. हाथ पैर उठाने में परेशानी होना|
  10. धुंधला दिखाई देना|
यदि आपको ऊपर दिए हुए लक्षण में से कोई भी दिखाई दे तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिये और डॉक्टर के सलाह अनुसार अपना इलाज करवाना चाहिए|
लकवा की शिकायत अक्सर उम्र दराज लोगो को होती है मगर इसकी शुरुआत जवानी से ही शुरू हो जाती है| यदि हम जवानी में दारू या शराब ज्यादा पीते या ज्यादा तेल युक्त खाना कहते है तो इतना ध्यान रखिये की लकवा नामक बीमारी आपके बुढ़ापे में दस्तक दे सकती है|आओ जानते है की लकवा नमक बीमारी होने के मुख्य कारण कौन कौन से है|
लकवा होने के प्रमुख कारण:-
  1. नाडीयों में कमजोरी|
  2. अचानक कोई दुःख वाली बात को सुनना|
  3. मांसपेशियों की दुर्बलता|
  4. मानसिक दुर्बलता|
  5. अधिक व्यायम करना|
  6. बढता हुआ रक्त चाप|
  7. अधिक उलटी होना|
  8. विषम आहार को खाना|
  9. अधिक दस्त होना|
ऊपर दिए कारण की वजह से अक्सर आदमी को लकवा की बीमारी हो जाती है| ये बहुत ही खतनाक बीमारी है|इससे बचने के लिए कुछ विशेष उपाय है जिससे इस बीमारी से बचा जा सकता है| यदि लकवा का इलाज तुरंत शुरू कर दिया जाये तो लकवा को जल्दी ही दूर किया जा सकता है| यदि लकवा को दूर करना है तो खून के थक्का को जमने से रोकना होगा यदि समय रहते खून के थक्का बनने से रोका जाये तो लकवा स्थाई भी हो सकता है|
यदि आप लकवा नामक खतरनाक बिमारी से बचना चाहते है तो आपको निचे दिए गए परहेजो से बचना पड़ेगा|
लकवा से बचने का घरेलु उपाय:-
लकवा से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए गए है जिसके उपयोग से आप लकवा से बाख या जल्दी रहत पा सकते है|
  1. यदि कोई लकवा का रोगी है तो उसको लगातार कई दिनों तक दूध में छुहारा मिला कर देने से लकवा से जल्दी ही आराम मिल सकता है|
  2. सौठ और उडद को पानी में मिला कर हल्का गरम करके रोगी को देने से लकवा जल्दी ठीक हो जाता है|
  3. एक चम्मच कलि मिर्च को पीस कर उसे तीन चम्मच देशी घी में मिला कर इसके लेप को लकवा ग्रस्त अंगो पर लगातार कई दिनों तक लगाने से लकवा ग्रस्त अंको का रोग दूर हो जाता है|
  4. छ: कलि लहसुन को  6 कली लहसुन को पीसकर उसे 1 चम्मच मक्खन में मिला लें और रोज इसका सेवन करें। इससे लकवा का रोग आसानी से ठीक हो जाता है|
  5. तुलसी के पत्तों, दही और सेंधा नमक को अच्छे से मिलाकर उसका लेप करने से लकावा ठीक हो जाता है|
  6. यदि आप बाहर का खाना ज्यादा खा रहे है तो उसको छोड़ डे क्युकी उसमे उपस्थित जीवाणु से भी अक्सर लकवा की शिकायत हो जाती है|
  7. बीन्स विटामिन बी और फैलते बीन्स हार्ट के लिए ही नहीं ब्रेन के लिए भी लाभदायक है बीन्स में विटामिन बी और फॉल्ट है जो २०% लकवा को स्टार्ट से ही रोकता है|
  8. दूध और बनाना में पोटैशियम ,कैल्शियम,और मैग्नेशियम का प्रमाण जयदा है ये कएस्ट्रोलस को कम करता है जिसे लकवा की बीमारी से दूर रहोगे|
  9. मैग्नीशियम से भरपूर फ़ूड ऐसे आहर जिसमे भरi मात्र में मैग्नीशियम हो , उसको खाने से 30% तक लकवा होने की सम्भावना कम हो जाती है |
  10. रात को सोते समय ताम्बे के बर्तन में पानी लेकर उसमे एक चंडी का सिक्का दल डे और सुबह उठाने के बाद उसे पिए| ऐसा करने से लकवा ठीक होने का ज्यादा चांस रहता है|
ऊपर दिए हुए घरेलु उपायों को यदि ठीक से फॉलो किया जाये तो लकवा एक दम से ठीक हो सकता है| तो ऊपर दिए हुए घरेलू उपायों को ठीक से फॉलो करे और हा डॉक्टर से सलाह लेने को न भूले|
खून की कमी कोई बीमारी नही है लेकिन खून की कमी कई रोगों को दावत देती है| यदि एक बार हमे खून की कमी हो जाये तो कई प्रकार की बीमारियाँ हमारे शरीर में निवास करने लगती है| पुरषो के मुकाबले खून की कमी ज्यादातर महिलाओ में ज्यादा होती है क्युकी कई महिलाये आपना वजन कम करने के लिए गलत डाइट करने लगती है और जब उनका वजन कम होता है तो साथ साथ खून की कमी भी होने लगती है| खून की कमी होने के और भी कई कारण है जो की इस पोस्ट में पूरी जानकारी दी गई है|
हमारे शरीर में पाए जाने  खून में दो प्रकार के कण पाए जाते है सफ़ेद रक्त कण और दूसरा लाल रक्त कण| जब हमारे शरीर में लाल रक्त कण की कमी हो जाती है तो हमारे शरीर में खून की कमी हो जाती है| हमारे शरीर में लाल रक्त कण में लोह तत्व पाया जाता है जिसके कारण हमारे शरीर की शक्ति बरक़रार रहती है| यदि हमारे शरीर में लोह तत्व की कमी ह जाती है तो  हमारे शरीर में खून की कमी भी होने लगती है| जब हमारे शरीर में हिमोग्लोबिन की कमी हो जाती है तो आरण की भी कमी हो जाती है| तो यदि आपके या आपके परिवार में किसी को भी खून की कमी है तो आपको ये पोस्ट पढ़ कर खून की कमी के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए|इस पोस्ट में हम आपको खून की कमी होने  के कारण,खून की कमी होने के लक्षण, और यदि खून की कमी हो जाये तो खून की कमी को दूर करने का तरीका आदि के बारे में बात करेंगे|
खून की कमी होने के कारण:- खून की कमी होने के कई कारण है जो की निम्नलिखित है|
  1. रेड ब्लड सेल्स (RBC) के प्रोडक्शन में कमी आन|
  2. आरबीसी या लाल रक्त कण का ज्यादा नाश होना |
  3. दुर्घटना के कारण ज्यादा खून का बह जाना |
  4. महिलाओ में मासिक दर्म में अधिक खून बह जाना |
  5. अन्तो में अल्सर होना|
  6. विटामिन B 12 की कमी होना|
  7. फोलिक एसिड की कमी होना |
  8. माँ के दूध पिलाने के कारण|
  9. पेट में इन्फेक्शन के कारण |
  10. स्मोकिंग करने से|
  11. कुछ दवाइयों के अधिक इस्तेमाल से|
जैसा की आप खून की कमी होने के कई कारण पढ़ चुके है| इनमे से कोई भी कारण अगर आप को हो गया तो आपके शरीर में खून की कमी होना शुरू हो जाता है और अगर ज्यादा दिन तक हमने ध्यान न दिया तो हमे बहुत बड़ी दिक्कत का सामना करना पड सकता है|यदि हमारे शरीर में खून की कमी हो जाती है तो हम पता कर सकते है की हमारे शरीर में खून की कमी हो गई है| खून की कमी होने कई लक्षण है जिसको यदि हम समय रहते पहचान ले तो समय रहते हम इसका इलाज कर सकते है और बहुत बड़ी बीमारी होने से आपने आप को बचा सकते है| तो आओ जानते है की खून की कमी होने पर हम कैसे पहचाने|
खून की कमी होने पर लक्षण :- खून की कमी होने पर हम पता लगा सक्ते है की हमारे शरीर में खून की कमी हो रही है और यदि हमे पता चल जाये तो हम इसका इलाज कर सकते है|
  1. ज्यादा सुस्ती आना|
  2. थकान |
  3. साँस लेने में दिक्कत होना |
  4. घबराहट |
  5. पैरो और हाथो में सुजन होना |
  6. चक्कर आना |
  7. त्वचा का पीला पड़ना |
  8. नाखून का पीला पड़ना |
  9. बाल का ज्यादा झड़ना |
  10. ब्लड प्रेशर का हाई या लो होना |
जैस अकी आप खून की कमी होने के लक्षण के बारे में जन चुके है |यदि आप को या आपके फॅमिली में किसी में इस प्रकार के लक्षण दिखाई देते है तो आप को ये जान जाना चाहिए की आप के शारीर में खून की कमी हो गयी है और खून की कमी दूर करने के लिए इलाज करना चाहिए| यदि आपके शरीर में या आपके परिवार में किसी भी को खून की कमी हो गयी है तो आप नीचे दिए हुए तरीको को पढ़ कर आप खून की कमी को आसानी से दूर कर सकते है|
खून की कमी को दूर करने का उपाय:-  खून की कमी को दूर करने के लिए निम्लिखित खाद्य पदार्थो का सेवन करने से खून की कमी दूर हो सकती है|
  • चुकंदर:-  चुकंदर एक ऐसी सब्जी है जिसमे में आयरन,फाईबर,कैल्शियम, पोटेशियम,सल्फर और विटामिन से भापुर है| चुकंदर को आप सलाद और सब्जी दोनों तरीके से उसे कर सकते है| यदि आपको खून की कमी या आपको कमजोरी महसूस हो रही है तो आप को एक चुकंदर का सेवन रोज करना चाहिए|
  • पालक:-  पालक का साग खानेसे हमारे शरीर में यदि आयरन की कमी हो गयी है तो पूरी हो जाती है |पलक में आयरन होने के साथ साथ B12 विटामिन की मात्र भी पाया जाता है| तो यदि आप भोजन में हरे पालक का साग शामिल करते है तो खून की कमी आसानी से दूर हो जाती है |
  • आनर:- आनर एक ऐसा फल है जिसमे आयरन और अन्य खनिज पदार्थ जैसे की कैल्शियम और मैग्निशियम की भर पुर मात्र में पाई जाती है| यदि आप अनार का सेवन रोज करते है तो आप को ब्लड की कमी नही होगी|
तो इस प्रकार आप को पता चल गया है की आप को ब्लड की कमी हो गयी है तो आप ऊपर लिखे हुए खाद्य पदार्थो को सेवन करने से खून की कमी छू हो जाएगी| यदि एक सामान्य और स्वस्थ पुर के खून की माप की जाये तो उसके शरीर में 13.5 और महिलाओ में 12.0 पॉइंट पाया जाता है तो इस प्रकार आप खूने की जाँच करा कर पता लगा सकते है आपके शरीर में खून की कमी है की नही है |
हरी मिर्च खाने का ये फायदा चौंका देंगे आपको..
हरी मिर्च कई तरह के पोषक तत्वों जैसे- विटामिन ए, बी6, सी, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होती है। यही नहीं इसमें, क्रीप्टोक्सान्थिन, लुटेन -जॅक्सन्थि‍न आदि स्वास्थ्यवर्धक चीजें मौजूद हैं।
वैसे तो आमतौर पर इसका इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए ही किया जाता रहा है लेकिन हाल में हुए कई शोध इस बात का दावा करते हैं कि हरी मिर्च खाने से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
1. हरी मिर्च में विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में होता है। विटामिन सी दूसरे विटामिन्स को शरीर में भली प्रकार अवशोषित होने में मदद करता है।
2. हरी मिर्च एंटी-ऑक्सीडेंट का एक अच्छा माध्यम है। हरी मिर्च में डाइट्री फाइबर्स प्रचुर मात्रा में होते हैं, जिससे पाचन क्रिया सुचारू बनी रहती है।
3. विटामिन ए से भरपूर हरी मिर्च आंखों और त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद है।
4. हाल में हुई कुछ स्टडीज के अनुसार, हरी मिर्च ब्लड शुगर को कम करने में कारगर होती है।

5. हरी मिर्च को मूड बूस्टर के रूप में भी जाना जाता है। यह मस्तिष्क में एंडोर्फिन का संचार करती है जिससे हमारा मूड काफी हद तक खुशनुमा रहने में मदद मिलती है।
हृदय का इलाज कीजिये सिर्फ 15 रुपये में और एंजियोप्लास्टी के लाखो रूपये बचाईये!!
हृदय की सभी समस्याओ के लिए एक वरदान । क्या आपकी धमनियों में खून के धक्के जमे हुए हैं या इनमे प्लाक जमा हुआ हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ा रहता है, बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ रहता है या किन्ही कारणवश डॉक्टर ने आपको ANGIOPLASTY के लिए कह दिया हैं। या कैसी भी गंभीर समस्या हैं। तो एक बार ये ज़रूर आज़माये।

अर्जुन की छाल 100 ग्राम ले कर 500 मिली पानी में पकाये 200

मिली रहने पर उतार ले और हर रोज़ सुबह शाम 10-10 मिली ले। इस से खून में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल कम हो जायेगा, खून के धक्के साफ़ हो जायेंगे, ब्लड प्रेशर सही हो जायेगा और ANGIOPLASTY की नौबत नहीं आएगी। अर्जुन के सेवन से अलसर में भी आशातीत लाभ होता हैं।

इस काढ़े को और असरदार बनाने के लिए इसमें 10 ग्राम दालचीनी मिला मिला कर काढ़ा बनायें।

अर्जुन की चाय भी बना कर पी जा सकती हैं। साधारण चाय की जगह अर्जुन की कुटी हुई छाल डालिये। और चाय की तरह बना कर पीजिये। अगर आपको अर्जुन के पेड़ न मिले तो अर्जुन छाल आपको रामदेव की दुकानो से मिल जाएगी ये 100 ग्राम 15 रुपैये की आएगी।

अनेको हृदय रोगियों को इस से राहत मिली हैं। अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाने के लिए आप ये वीडियो देख सकते हैं। अर्जुन को PARALYSIS के मरीजों को भी देते हैं जिस से उनको बहुत लाभ होता हैं।

Varicose veins में भी ये बहुत उपयोगी हैं, अलसर के रोगियों के लिए भी ये बहुत लाभदायक हैं।
1. अर्जुन की छाल।
मेरे एक मित्र ने मुझे अर्जुन की छाल के बारे में बताया, मैंने भी इसके गुण जानकार इसको तुरंत अपनाने में ही अपनी भलाई समझी। अर्जुन का काढ़ा मैं नियमित पी रहा हूँ। आज भी पी रहा हूँ। सुबह शाम खाली पेट ३० – ३० मिली काढ़ा एक गिलास गुनगुने पानी में डाल कर पिए।
काढ़ा बनाने की विधि – 1 किलो अर्जुन की छाल को ५ किलो पानी में आधा रहने तक पकाये। बस आपका काढ़ा तैयार हैं। फिर इसको छान कर कांच की बोतल में रख लीजिये।

किसी मित्र ने ये भी सलाह दी अर्जुन के साथ दालचीनी भी डाल दी जाए तो उसका रिजल्ट बहुत जल्दी मिलता हैं। बहरहाल हमको बाद में पता चला तो हमने सिर्फ अर्जुन की छाल ही इस्तेमाल की।

इस दवा के प्रयोग से मात्र 15 दिनों में Kidney Transplant से निश्चित मिलेगा छुटकारा



इस काढ़ा से मात्र 15 दिनों में पायें Kidney Transplant से पाएं छुटकारा। जिन लोगो को डॉक्‍टरो ने Kidney Transplant की सलाह दी हो या डायलसिस चल रहा हो तो उन्हें Kidney Transplant करवाने के पहले इस दवा का प्रयोग जरूर करके देखना चाहिए, हो सकता है कि ट्रांसप्लांट की नौबत ना आए।



Kidney Transplant करवाना बहुत महंगा हैं, और कुछ लोग तो ये अफोर्ड नहीं कर सकते, और जो कर भी सकते हैं तो Kidney Transplant

के बाद पहले जैसा जीवन नहीं बन पाता।



काढ़ा बनाने की विधि



250 ग्राम गोखरू कांटा (ये आपको पंसारी से मिल जायेगा) लेकर 4 लीटर पानी मे उबालिए जब पानी एक लीटर रह जाए तो पानी छानकर एक बोतल मे रख लीजिए और कांटा फेंक दीजिए। इस काढे को सुबह शाम खाली पेट हल्का सा गुनगुना करके 100 ग्राम के करीब पीजिए। शाम को खाली पेट का मतलब है दोपहर के भोजन के 5, 6 घंटे के बाद। काढ़ा पीने के एक घंटे के बाद ही कुछ खाइए और अपनी पहले की दवाई ख़ान पान का रोटिन पूर्ववत ही रखिए।



15 दिन के अंदर यदि आपके अंदर अभूतपूर्व परिवर्तन हो जाए तो डॉक्टर की सलाह लेकर दवा बंद कर दीजिए। जैसे जैसे आपके अंदर सुधार होगा काढे की मात्रा कम कर सकते है या दो बार की बजाए एक बार भी कर सकते है। मुझे उम्मीद है की ट्रांसप्लांट का विचार त्याग देंगे जैसा मैने किया है।


प्याज के जूस से, क्या सच में बाल उगते हैं,जानिए क्या है सच
दोस्तों आपने हजारों जगह यह सुना होगा कि onion
जूस  यानी प्याज का जूस लगाने से बालों का बढ़ना शुरू हो जाता है बालों का झड़ना बंद हो जाता है और बाल बहुत तेजी से उगने लगते हैं और यह हमारे बालों को बहुत ही फायदा देता है, पर इस बात पर कितनी सच्चाई है इस बात में क्या सचमुच हमारे घर में बड़े बुजुर्ग या अन्य लोग यह सलाह देते आ रहे हैं, कि ऐसा करने से बालों का बढ़ना बहुत ही जल्दी और तेजी से शुरु हो जाता है, तो आइए आज जानते हैं कि इस बात में आखिर कितनी सच्चाई है|

जैसा कि हम जानते हैं हमारे बाल प्रोटीन के बने होते हैं  जो हमारे हेयर फॉलिकल्स में मौजूद होते हैं जैसे-जैसे हेयर फॉल सिकलसेल शुरू होता है उसी समय एक प्रोटीन उत्पन्न होता है जिसे हम कैरोटीन कहते हैं सल्फर की भरपूर मात्रा उपलब्ध होती है जिसकी वजह से बालों का बढ़ना शुरू होता है जिस किसी भी व्यक्ति की हेयर स्कैल्प में यह कैरोटीन नामक प्रोटीन की कमी होती है उसके बाल तेजी से झड़ने लगते हैं इसलिए यह  कैरोटीन नामक प्रोटीन हमारे बालों को उगने में और बालों को बढ़ने में बहुत मदद करता है

तो अब आती है बात प्याज की यानी अनियन जूस की तो इसके बारे में जरा विस्तार से अब बात करते हैं, दरअसल प्याज में सल्फर नामक प्रोटीन भरपूर मात्रा में में होता है,

तो यह सल्फर युक्त प्याज जो हमारे बालों में सल्फर की कमी हो रही है उसे पूरा कर देता है, इससे यह साबित होता है कि इस बात में कोई शक नहीं है कि प्याज हमारे बालों को उगने में और तेजी से बढ़ने में मदद करता है बिल्कुल मदद करता है बस आपके इस्तेमाल करने का तरीका सही होना चाहिए|

यह है सही तरीका-

प्याज का सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिए आप सबसे पहले प्याज को बिल्कुल बारीक काट लीजिए इसके बाद किसी मिक्सी ग्रेंडर या अपनी सुविधा अनुसार उसे अच्छी तरह पीस लें इसके बाद उसे सूती के कपड़े में से अच्छी तरह छान लें और उसका जूस बना ले इसके बाद आप उसमें ऑलिव ऑयल मिक्स कर ले थोड़ा सा अगर ऑलिव ऑयल ना हो तो आप नारियल का तेल भी यूज कर सकते हैं, और इस जूस को हर 3 दिन के अंतराल में लगाएं ऐसा आप 90 दिनों तक करेंगे यकीनन आपके बालों का बढ़ना शुरू हो जाएगा |