बहुत सुंदर शब्द
जो एक मंदिर के दरवाजे पर लिखे थे।
"अगर तुम
अन्याय, अत्याचार और पाप
करते करते थक गऐ हो तो
अंदर आ जाओ क्योंकि भगवान जी
मेहरबानियाँ करते करते
अभी नही थके हैं।"
जो एक मंदिर के दरवाजे पर लिखे थे।
"अगर तुम
अन्याय, अत्याचार और पाप
करते करते थक गऐ हो तो
अंदर आ जाओ क्योंकि भगवान जी
मेहरबानियाँ करते करते
अभी नही थके हैं।"