Sunday, 22 January 2017

जंगल में रहो या बस्ती में ...

लहरों में रहो या कश्ती में ...

महंगी में रहो या सस्ती में ....

पर रहो... प्रभु... की मस्ती में ...

क्योंकि

जो डूबे है " parampita👆🏻 की yaad ki मस्ती में ...

चार चांद लग जाते हें उनकी हस्ती में ।